MP Politics: मध्य प्रदेश में चुनावी जमावट शुरू हो गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह फिर मध्य प्रदेश के दौरे पर आने वाले हैं। लेकिन इस बार वह जहां आ रहे हैं उससे प्रदेश में सियासी हलचल शुरू हो गई है। क्योंकि अमित शाह इस बार पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा आ रहे हैं।
19 मार्च को छिंदवाड़ा आएंगे अमित शाह
अमित शाह ने हाल ही में सतना जिले का दौरा किया था, जबकि अब शाह 19 मार्च को छिंदवाड़ा के दौरे पर आ रहे हैं। अमित शाह छिंदवाड़ा में कार्यकर्ताओ की बैठक और जनसभा को संबोधित करेंगे। शाह के दौरे को मप्र में कमलनाथ के गढ़ को भेदने की बीजेपी की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश
दरअसल, मध्य प्रदेश में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होना है, एमपी में आदिवासी वोटबैंक किंगमेकर की भूमिका में होता है। यही वजह है कि बीजेपी आदिवासी वोटर्स को साधने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। अकेले छिंदवाड़ा में 8 लाख से ज्यादा आदिवासी वोटर हैं, छिंदवाड़ा जिले की तीन विधानसभा सीटें भी आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में अमित शाह एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश में हैं, यानि वह विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव भी साधना चाहते हैं।
छिंदवाड़ा अभेद गढ़
बताया जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पूरे देश में 160 लोकसभा सीटों पर हार मिली थी, जिसमें छिंदवाड़ा भी शामिल है। 2019 में छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने जीत हासिल की थी। मध्यप्रदेश मे कांग्रेस के पास सिर्फ एक लोकसभा सीट है जो छिंदवाड़ा है।
एक उपचुनाव को छोड़ दिया जाए तो पिछले 9 चुनावों से बीजेपी को लगातार इस सीट पर हार का सामना करना पड़ रहा है। लंबे समय से इस सीट पर कमलनाथ परिवार का कब्जा है। लेकिन 2019 में नकुलनाथ की जीत का अंतर बहुत कम रह गया था, ऐसे में बीजेपी यहां अब पूरी ताकत लगाती नजर आ रही है।