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गैर कश्मीरियों की वोटिंग का अब्दुल्ला-मुफ्ती ने एक सुर में किया विरोध, बोले- कोर्ट जाने पर कर रहे विचार

आसिफ सुहाफ, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में गैर-स्थानीय मतदाताओं को शामिल करने के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक खत्म होने के बाद फारूख अब्दुल्ला […]

Author Edited By : Om Pratap Updated: Aug 22, 2022 16:04

आसिफ सुहाफ, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में गैर-स्थानीय मतदाताओं को शामिल करने के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।

बैठक खत्म होने के बाद फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि हमें भारत सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। हम अदालतों में भी जाने की सोच रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने में 200 साल लग गए और उसी तरह हम जम्मू-कश्मीर में अपनी मौत तक और उसके बाद भी लड़ेंगे।

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महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं के साथ डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमने आज की बैठक बुलाई थी क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा मतदान सूची में बाहरी लोगों को शामिल करने की घोषणा की गई थी।” उन्होंने कहा कि यह केवल फारूक अब्दुल्ला या किसी अन्य नेता के बारे में नहीं है, यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की सामूहिक लड़ाई के बारे में है और अगर कल फारूक अब्दुल्ला नहीं रहे तो हम में से कोई और जम्मू-कश्मीर के लोगों के वास्तविक अधिकारों के लिए इस लड़ाई का नेतृत्व करेगा।

अब्दुल्ला ने कहा, “कश्मीरी, डोगरा, सिख आदि की पहचान पर हमले हो रहे हैं और अगर यह निर्णय लिया जाता है तो यह सुनिश्चित करेगा कि बाहरी लोग जम्मू-कश्मीर में विधानसभा को नियंत्रित करें और हम इस निर्णय को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करते हैं।”

चर्चा के लिए राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को बुला रहे हैं: अब्दुल्ला

डॉ अब्दुल्ला ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने मुझे फोन किया और कहा कि इस फैसले पर फैसला करने के लिए एक बैठक होनी चाहिए।” हम यह बैठक जम्मू में भी करेंगे। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर हम लोगों को इस फैसले के नतीजों के बारे में समझाने में सक्षम हैं तो सभी पार्टियां एक साथ आ जाएंगी। यहां की विधानसभा हमारी नहीं बल्कि बाहरी लोगों से होगी। हम मुद्दों पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के नेताओं को बुला रहे हैं।

हम हार नहीं मानेंगे और लड़ेंगे: फारूख अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने 1983 में एक सम्मेलन बुलाया था और भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी ने भी उसमें भाग लिया था। हमने अपनी बात और मुद्दे उनके सामने रखे थे। हम हार नहीं मानेंगे और लड़ेंगे। हम यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कर रहे हैं। हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन लोगों के लिए लड़ने के लिए हमें साथ रहना होगा।

शिवसेना नेता मनीष साहनी ने पहली बार जम्मू-कश्मीर में पीएजीडी के तहत विपक्ष की सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा, “यह जम्मू और कश्मीर के लोगों का मुद्दा है, न कि किसी राजनीतिक समस्या का, अगर स्थिति की मांग हुई तो शिवसेना विरोध शुरू करेगी। पूरे देश में केंद्र के उस फैसले के खिलाफ जिसके जरिए वे जम्मू-कश्मीर के अधिकार छीनना चाहते हैं।”

First published on: Aug 22, 2022 03:04 PM

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