नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के उस ‘ऑफर’ पर भाजपा भड़क गई है जिसमें उन्होंने (अखिलेश) उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन देने की पेशकश की थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बुधवार को अखिलेश को सलाह दी कि उन्हें अपने गठबंधन और विधायकों के बारे में चिंता करनी चाहिए, क्योंकि सपा विधायक सत्ताधारी पार्टी के संपर्क में हैं।
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(1/2) केशव जी संगठन के, पार्टी के प्रमाणित एवं भाजपा की विचारधारा के लिए समर्पित कार्यकर्ता हैं। वह सदैव हमारे साथ रहेंगे, किसी स्वार्थ में पड़ने वाले नेता नहीं है।
वह अखिलेश यादव को चलाएंगे, अखिलेश यादव उन्हें क्या चला पाएंगे।---विज्ञापन---— Bhupendra Singh Chaudhary (मोदी का परिवार) (@Bhupendraupbjp) September 7, 2022
यूपी भाजपा अध्यक्ष ने कहा- केशव स्वार्थ में पड़ने वाले नेता नहीं हैं
चौधरी ने एक ट्वीट में कहा कि मौर्य पार्टी के एक प्रमाणित कार्यकर्ता हैं जो भाजपा की विचारधारा के प्रति समर्पित हैं। “केशव जी संगठन के, पार्टी के प्रमाणित कार्यकर्ता हैं और भाजपा की विचारधारा के प्रति समर्पित हैं। वह हमेशा हमारे साथ रहेंगे, वह स्वार्थ में पड़ने वाले नेता नहीं हैं…”। एक अन्य ट्वीट में, चौधरी ने कहा, “अखिलेश यादव को अपने गठबंधन, अपने परिवार, अपनी पार्टी और अपने विधायकों के बारे में चिंता करनी चाहिए क्योंकि उनके विधायक हमारे संपर्क में हैं।”
बता दें कि यादव ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन देने की पेशकश की थी यदि वह भाजपा सरकार से अलग हो गए और पार्टी के 100 विधायकों को अपने साथ लाएं।
"जिंदा कोमे पाँच साल इंतजार नहीं करती"
-डॉ राम मनोहर लोहिया@yadavakhilesh @samajwadiparty pic.twitter.com/jFYSW4ATz9— Dr. Rajpal Kashyap (@DrRajpalKashyap) September 7, 2022
सपा के विधान परिषद के सदस्य राजपाल कश्यप ने बुधवार को टीवी साक्षात्कार में अखिलेश यादव की कथित टिप्पणी का एक वीडियो क्लिप ट्वीट किया, जिसमें लिखा था, “जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करते हैं।” उस वीडियो क्लिप में अखिलेश को मौर्य को बिहार से सबक लेने का सुझाव देते हुए देखा जा सकता है, जहां जनता दल (यूनाइटेड) ने भाजपा के साथ गठबंधन से नाता तोड़ लिया और राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और अन्य के साथ महागठबंधन गठबंधन सरकार बनाई।
भाजपा ने जीतीं हैं 254 सीटें
गौरतलब है कि फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों में सपा ने 111 सीटें और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने आठ सीटें जीतीं थी। दो अन्य गठबंधन सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (छह विधायक) और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (एक विधायक) ने सपा से नाता तोड़ लिया है। 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के पास 254 सीटें हैं और एनडीए मिलाकर सत्ताधारी दल के पास 272 विधायकों का समर्थन है।
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