नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहे 2 साल हो गए हैं। लेकिन धोनी के नाम की गूंज अभी भी भारतीय क्रिकेट में बनी हुई है। धोनी ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को एक नया आयाम दिया। सौरव गांगुली ने टीम के लड़ना सिखाया तो धोनी ने भारतीय टीम को जीतना सिखाया। उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जिताया। फिर 2011 वनडे वर्ल्ड कप में चैम्पियन बनाया।
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‘दो चीजों से समझौता नहीं करते धोनी’
धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया टेस्ट में नंबर एक टीम बनी। ऐसे तो एमएस धोनी को कैप्टन कूल कहा जाता है, लेकिन दो ऐसी भी बातें थीं, जिनसे वह कभी समझौता नहीं करते थे। इस बात का खुलासा टीम के पूर्व फिल्डिंग कोच आर श्रीधर ने किया है। भारत के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर जो 2014 में टीम का हिस्सा बने थे जब धोनी कप्तान थे।
कोच श्रीधर ने किया बड़ा खुलासा
श्रीधर ने कहा कि धोनी जब कप्तान थे, तब उन्होंने फील्डिंग में आगे रहकर नेतृत्व किया। उनकी रनिंग बिटविन द विकेट मेरे लिए आंखें खोलने वाली थीं। एमएस ने कहा कि ‘दो चीजें जो मेरे लिए समझौता करने वाली नहीं हैं, वह हैं फील्डिंग और विकेट के बीच दौड़ना। उन्होंने जिस तरह से फील्डिंग पर जोर दिया। उसे विराट कोहली ने भी आगे बढ़ाया।
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उन्होंने आगे कहा कि मैंने कुछ बेहतरीन फील्डिंग सेशन गेंदबाज उमेश यादव, मोहम्मद सिराज और मोहित शर्मा के साथ भी किए हैं। जो एक तेज गेंदबाज होने के साथ अच्छे फील्डर भी थे। इसके अलावा विराट कोहली, रविंद्र जडेजा और मनीष पांडे जैसे खिलाड़ियों को आपने देखा होगा और उनकी फील्डिंग का आनंद लिया होगा। बता दें कि श्रीधर को 2014 में भारतीय क्रिकेट टीम का फील्डिंग कोच बनाया गया था। तब महेंद्र सिंह धोनी ही टीम इंडिया के कप्तान थे। धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया।
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