Supreme Court Refused lift Ban on WFI Election: प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई-कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर 28 अगस्त तक रोक लगा दी थी।
आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ को हाई कोर्ट जाने को कहा
हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ (हावा) के प्रतिनिधियों के मताधिकार को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर 28 अगस्त तक रोक लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ को हाई कोर्ट जाने को कहा है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हमें इस मामले पर सुनवाई क्यों करनी चाहिए? आप हाई कोर्ट जाएं। कोर्ट ने ये भी कहा कि अंतरिम रोक हटाने की मांग के बजाए याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट आ गए।
कुश्ती की विश्व नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) द्वारा समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण WFI को निलंबित किया जा चुका है। वैश्विक कुश्ती संस्था के फैसले के बाद देश के पहलवान भारतीय ध्वज के तहत आगामी विश्व चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे।
मामले को दी जाए प्राथमिकता
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने याचिकाकर्ता आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ को अपनी शिकायतों के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय से यह भी कहा कि यदि याचिकाकर्ता पक्षकार बनने के लिए याचिका दायर करता है तो मामले को आवश्यक प्राथमिकता दी जाए। दरअसल, कई राज्यों के कुश्ती संघ चुनाव की मौजूदा प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं। वे याचिका पर सुनवाई करते हुए कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक लगा चुके हैं।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने अब डब्ल्यूएफआई की मान्यता रद्द कर दी है। यह देश के लिए शर्मिंदगी की बात है। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय को नजरअंदाज कर दिया है और सीधे शीर्ष अदालत में पहुंच गया है।