Saturday, 27 April, 2024

---विज्ञापन---

BCCI के बॉस बने रहेंगे सौरव गांगुली और जय शाह, सुप्रीम कोर्ट ने कूलिंग पीरियड में दी राहत

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह अपने पद पर बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए कूलिंग-ऑफ क्लॉज को संशोधित करने के लिए BCCI की याचिका को अनुमति दी। सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को अपने संविधान में बदलाव की मंजूरी दे दी है, जिसमें बोर्ड […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Sep 15, 2022 11:26
Share :

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह अपने पद पर बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए कूलिंग-ऑफ क्लॉज को संशोधित करने के लिए BCCI की याचिका को अनुमति दी। सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को अपने संविधान में बदलाव की मंजूरी दे दी है, जिसमें बोर्ड अधिकारियों के कार्यकाल और कूलिंग ऑफ पीरियड के पुराने नियमों में ढील दे दी गई है और अब लगातार 6 साल के लिए BCCI या राज्य क्रिकेट संघ में बने रह सकते हैं।

अभी पढ़ें World Wrestling Championship: उलटफेर का शिकार हुईं, फिर रेपचेज मुकाबले में विनेश फोगाट ने रचा इतिहास

सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को दी राहत

शीर्ष अदालत ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि वह बीसीसीआई में एक पदाधिकारी को लगातार दो कार्यकाल के लिए पद धारण करने की अनुमति देगा, भले ही वे एक कार्यकाल के लिए राज्य संघ में पद पर हों। BCCI के नए ऑफिशियल्स का चुनाव 2019 में हुआ था। इसमें सौरव गांगुली अध्‍यक्ष, जय शाह सचिव, अरुण धूमल कोषाध्‍यक्ष और जयेश जॉर्ज संयुक्‍त सचिव चुने गए थे। चुनाव के दो महीने बाद ही BCCI ने कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

अक्टूबर में खत्म होना था कार्यकाल 

बता दें कि सौरव गांगुली ने 23 अक्टूबर 2019 के बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला था। जय शाह ने 24 अक्टूबर को बीसीसीआई सचिव का पद संभाला। दोनों का कार्यकाल इस साल अक्टूबर में खत्म होने वाला था। अब दोनों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है, ऐसे में दोनों ही साल 2025 तक अपने पद पर बने रह सकते हैं।

अभी पढ़ें Happy Birthday Suryakumar Yadav: यूपी के गाजीपुर का छोरा बना मुंबई का ‘दादा’, अब टीम इंडिया को दिलाएगा T-20 वर्ल्ड कप

क्या है कूलिंग ऑफ पीरियड का लोचा?

साल 2018 में बनीं लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के बाद बने संविधान में कहा गया था कि बीसीसीआई के किसी भी पदाधिकारी को 3 साल के कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा, अगर वे पदाधिकारी 6 साल तक लगातार दो बार पद पर रहता है। पदाधिकारी लगातार 6 साल स्टेट बॉडी या में BCCI में रहा हो, या दोनों जगह मिलाकर 6 साल रहा हो। तब भी उसे 3 साल का गैप लेना ही होगा। इसपर बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, उसमें अपील की गई थी कि इस नियम में बदलाव की इजाजत दी जाए। बीसीसीआई ने अपनी याचिका में कहा था कि कूलिंग ऑफ पीरियड जैसी चीज़ को रद्द कर दिया जाए।

अभी पढ़ें – खेल से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

Click Here – News 24 APP अभी download करें

First published on: Sep 14, 2022 05:04 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें