Para Games gold medalist Sheetal Devi Anand Mahindra promises customised car: महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अपने लेटेस्ट सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए 16 साल की शीतल देवी की जमकर प्रशंसा की है। शीतल ने हाल ही में हांग्जो में एशियाई पैरा गेम्स में भारत के लिए दो गोल्ड मेडल जीता था। बता दें कि 68 साल के कारोबारी आनंद महिंद्रा हमेशा असाधारण प्रतिभा की सराहना करते हैं और उसे प्रोत्साहित करते हैं।
शीतल देवी की खेल भावना से प्रभावित आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वे तीरंदाज शीतल देवी महिंद्रा की कोई भी गाड़ी अपने लिए चूज कर सकतीं हैं और कंपनी उस कार को उनकी सुविधा के अनुसार कस्टमाइज्ड कराकर उन्हें गिफ्ट करेगी।
I will never,EVER again complain about petty problems in my life. #SheetalDevi you are a teacher to us all. Please pick any car from our range & we will award it to you & customise it for your use. pic.twitter.com/JU6DOR5iqs
— anand mahindra (@anandmahindra) October 28, 2023
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सीथल देवी की सफलता से पहले उनकी कहानी चुनौतियों भरी रही है। अपनी शारीरिक बाधाओं के बावजूद शीतल ने एशियाई पैरा गेम्स के एक ही सेशन में दो गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। ऐसा करने वाली वो देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। हाथ न होने के कारण शीतल पैरों से निशाना साधती हैं। मूल रूप से जम्मू कश्मीर की 16 वर्ष की शीतल अपने पैरों से तीर चलाती है। इससे पहले उन्होंने सरिता के साथ जोड़ी बनाते हुए महिला टीम में सिल्वर, जबकि राकेश कुमार के साथ मिश्रित टीम में गोल्ड मेडल जीता था।
पैर से संभालती हैं 27.5kg वजनी धनुष
शीतल हाथ नहीं होने कारण अपने पैर से 27.5 kg वजन वाले धनुष को संभालती हैं। बैलेंस बनाने के बाद वे दाहिने कंधे से जुड़े मैनुअल रिलीजर के जरिए स्ट्रिंग को खींचती हैं। फिर, दांतों से पकड़े ट्रिगर का यूज कर तीर को निशाने पर दागती हैं। बता दें कि फोकोमेलिया (दुर्लभ जन्मजात बीमारी, अंग अविकसित रहते हैं) के साथ शीतल का जन्म हुआ था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में शीतल ठीक से धनुष भी नहीं उठा पाती थीं। हालांकि लगातार प्रैक्टिस के बाद ये सब आसान हो गया।