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Team India में धमाल मचाएगा बिहार का बेटा, पिता को था काबिलियत पर शक, ऐसे मिली एंट्री

नई दिल्ली: साउथ अफ्रीका के साथ तीन वनडे मैचों की सीरीज का आगाज 6 अक्टूबर से होगा। इसके लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है। Team India की जिम्मेदारी शिखर धवन को सौंपी गई है। इस टीम नए लड़कों को मौका दिया गया है। बिहार के गोपालगंज के एक छोटे से गांव काकड़कुंड […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Oct 4, 2022 12:48
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नई दिल्ली: साउथ अफ्रीका के साथ तीन वनडे मैचों की सीरीज का आगाज 6 अक्टूबर से होगा। इसके लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है। Team India की जिम्मेदारी शिखर धवन को सौंपी गई है। इस टीम नए लड़कों को मौका दिया गया है। बिहार के गोपालगंज के एक छोटे से गांव काकड़कुंड के रहने वाले मुकेश कुमार का सेलेक्शन टीम इंडिया में हुआ है।

मुकेश बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन खेलते बंगाल के लिए हैं। मुकेश कुमार बंगाल से रणजी क्रिकेट खेलते हैं। बिहार में खेल और खेल मैदान के क्या हालत है ये किसी से छिपा नहीं है। बिहार में क्रिकेट क्या किसी खेल के लिए सही माहौल नहीं होने के बाद वह पश्चिम बंगाल चले गए। वहां उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। अब ये बिहार में जन्मा खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए खेलेगा।

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बिहार छोड़कर जाना पड़ा

बिहार छोड़कर बंगाल गए मुकेश कुमार ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से बंगाल रणजी टीम में जगह बनाई। इसके बाद मुकेश आगे बढ़ते गए। 27 वर्षीय मुकेश कुमार राइट ऑर्म मीडियम बॉलिंग करते हैं। वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। मुकेश कुमार का अबतक का शानदार प्रदर्शन रहा है। उन्होंने 30 फर्स्ट क्लास मैचों में 109 विकेट लिए हैं। मुकेश कुमार ने फर्स्ट क्लास मैच में 5 बार पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा किया है। साथ ही उन्होंने 4 पारी में 4 खिलाड़ियों को पवेलियन लौटाया है। 18 लिस्ट ए मैच में 5.17 की इकॉनमी रेट के साथ 17 विकेट हैं।

मैं बहुत भावुक हो गया

टीम में चयन के बाद मुकेश ने राजकोट से पीटीआई-भाषा से कहा, “मैं बहुत भावुक हो गया। सब धुंधला था। मैं केवल अपने दिवंगत पिता काशी नाथ सिंह का चेहरा याद कर सकता हूं। जब तक मैंने बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी नहीं खेली, पिताजी को कभी नहीं लगा कि मैं पेशेवर रूप से इसमें अपना करियर बना सकता हूं। उनको शक था कि मैं काबिल हूं भी या नहीं।”

28 वर्षीय मुकेश के पिता पिछले साल रणजी ट्रॉफी फाइनल से पहले ब्रेन स्ट्रोक की वजह से दुनिया से चले गए। वह सुबह प्रशिक्षण लेते और फिर अपने पिता के अस्पताल के बिस्तर के पास समय बिताते। मुकेश ने अपने चयन की खबर के बाद कहा, आज मेरी मां की आंखों में आंसू थे। वह बहुत भावुक थीं। घर पर सब रोने लगे।

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सीआरपीएफ में शामिल होना चाहते थे मुकेश

मुकेश कुमार ने बताया कि जैसे ही टीम इंडिया में अपना नाम देखा वो फूट-फूटकर रो पड़े। उनका पूरा परिवार रोने लगा। बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले मुकेश तीन बार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में शामिल होने के लिए परीक्षा में शामिल हुए थे क्योंकि उनके पिता चाहते थे कि उन्हें सरकारी नौकरी मिले।

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First published on: Oct 03, 2022 04:52 PM

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