Sharjah 300 Matches: 22 अप्रैल 1998। यही तारीख थी जब सचिन तेंदुलकर के बल्ले से उनके करियर की सबसे बेस्ट पारियों में एक इनिंग निकली थी। कोका-कोला कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मास्टर ब्लास्टर ने 131 गेंदों पर 143 रन की यादगार पारी खेली थी। यह वो इनिंग थी, जिसका जिक्र होने पर आज भी तमाम भारतीय क्रिकेट फैन्स के चेहरे खिल उठते हैं। सचिन की इस पारी को डेजर्ट स्टॉर्म के नाम से भी जाना जाता है। सचिन की पारी की वजह से हर क्रिकेट फैन को इस ग्राउंड का भी नाम अच्छे से जुबान पर रटा हुआ है। उसी शारजाह मैदान का नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच शारजाह के मैदान पर यह 300वां मैच खेला जा रहा है। शारजाह मेंस क्रिकेट में 300 मैचों की मेजबानी करने वाला दुनिया का पहला स्टेडियम बन गया है।
शारजाह के नाम जुड़ी बड़ी उपलब्धि
शारजाह क्रिकेट स्टेडियम का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। शारजाह मेंस क्रिकेट में 300 मैचों की मेजबानी करने वाला विश्व का पहला मैदान बन गया है। इस ग्राउंड ने यह उपलब्धि बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बीच खेले जा रहे पहले वनडे मैच में हासिल की है। शारजाह अब तक कुल 252 वनडे, 38 टी-20 और 10 टेस्ट मैचों की मेजबानी कर चुका है। श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच इस ग्राउंड पर पहला मैच साल 1984 में खेला गया था। शारजाह में कई ऐसे मुकाबले खेले गए हैं, जिनकी यादें आज भी फैन्स के दिल में बसी हुई हैं।
Sharjah becomes the first stadium in history to host 300 international matches…!!! 🤯 pic.twitter.com/0nXtYH2JxN
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) November 6, 2024
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सचिन की यादगार पारी
शारजाह के मैदान पर ही सचिन तेंदुलकर के बल्ले से वो यादगार पारी निकली थी, जिसको डेजर्ट स्टॉर्म का नाम दिया गया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए सचिन ने मुश्किल हालातों में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 131 गेंदों पर 143 रन की धांसू पारी खेली थी। ऑस्ट्रेलिया के मजबूत बॉलिंग अटैक के सामने सचिन सीना तानकर खड़े रहे थे और उन्होंने अपनी इस पारी से वर्ल्ड क्रिकेट को अपना दीवाना बना दिया था। भारत ने इस मुकाबले को सचिन की इनिंग के दम पर आसानी से अपने नाम कर लिया था। शारजाह के मैदान पर सचिन ने अपने करियर में कुल 7 शतक जमाए। इस मैदान पर सचिन तेंदुलकर के नाम से स्टैंड भी बनाया गया है। सचिन के 50वें जन्मदिन पर यह खास तोहफा उन्हें भेंट किया गया था।