Virat Kohli Irfan Pathan: ऑस्ट्रेलिया का दौरा विराट कोहली के लिए किसी बुरे सपने की तरह रहा। 9 पारियों में 23.75 का औसत और बल्ले से निकले सिर्फ 190 रन। पर्थ में आए अगर शतक को छोड़ दें, तो बाकी 8 इनिंग्स में सिर्फ 90 रन। यह आंकड़े विराट की बेबसी बता रहे हैं। जिस सरजमीं पर विराट का बल्ला जमकर रन उगला करता था, उसी धरती पर कोहली एक-एक रन के लिए तरसते हुए दिखाई दिए।
महज एक कमजोरी ने किंग कोहली का पूरा टूर खराब कर दिया। पूरा दौरा निकल गया, लेकिन विराट अपनी एक ही कमजोरी से पार नहीं पा सके। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हाथ से फिसलने के बाद इरफान पठान का गुस्सा कोहली पर फूट पड़ा है। पठान का कहना है कि 25 से 30 की औसत से तो कोई यंग बल्लेबाज भी रन बना लेगा, तो कोहली टेस्ट टीम में क्यों हैं।
कोहली पर भड़के इरफान
इरफान पठान ने स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत करते हुए विराट की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने कहा, “देखिए भारत को सुपरस्टार क्लचर नहीं चाहिए, भारत को टीम क्लचर चाहिए। आप मुझे यह बताइए कि कब हुआ था जब विराट कोहली ने घरेलू क्रिकेट खेली थी? शायद 2012 में, जिसके बाद तो सचिन तेंदुलकर भी घरेलू क्रिकेट खेल गए थे और रिटायर भी हो चुके हैं। उनको जरूरत नहीं थी, लेकिन वह फिर भी खेलते थे। साल 2024 में पहली इनिंग में जहां मैच को सेटअप किया जाता है, वहां कोहली का औसत महज 15 का है।”
Time to shift the spotlight! 🌟 #IrfanPathan calls for an end to the superstar culture, emphasizing the importance of building a strong team-first mentality in Indian cricket💬🇮🇳#AUSvINDOnStar #ToughestRivalry #WTC #WorldTestChampionship pic.twitter.com/YQ6TKJUXe4
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‘यंग बैटर भी दे देगा 25 से 30 का औसत’
पूर्व भारतीय क्रिकेट ने आगे कहा, “अगर आप पिछले 5 साल के नंबर निकालेंगे, तो विराट का बैटिंग औसत 30 का भी नहीं है। क्या टीम इंडिया अपने सीनियर खिलाड़ी से ऐसा प्रदर्शन डिजर्व करती है? इसकी जगह अगर आप किसी यंग प्लेयर्स को पर्याप्त मौके देंगे, तो वो भी 25 से 30 की औसत से आपके लिए रन बना देगा। हम यहां क्योंकि टीम के हित की बात कर रहे हैं। विराट ने भारतीय टीम के लिए बहुत रन बनाए हैं, लेकिन वह एक ही गलती बार-बार दोहरा रहे हैं। एक ही तरह से हर बार आउट हो रहे हैं। आप उस टेक्निकल गलती को ठीक करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। कितनी ही देर लगती है किसी सीनियर या महान खिलाड़ी से अपनी कमजोरी को लेकर बात करने में। गलती को ठीक करने में जो मेहनत लगती है, वो मेहनत दिखाई नहीं दी।”