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खेल

IND vs NZ Final: 37 साल का सूखा, दो दर्द भरी हार का गम, जो कभी नहीं हुआ वो कर दिखाओ टीम इंडिया

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया 37 साल का सूखा खत्म करने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। रोहित की सेना को वो करके दिखाना होगा, जो आजतक नहीं हो सका है।

Author Edited By : Shubham Mishra Updated: Mar 6, 2025 19:46
IND vs NZ

शुभम मिश्रा IND vs NZ Final: 37 साल का सूखा। दो दर्द भरी हार का जख्म। जो कभी नहीं हुआ वो कर दिखाने की चुनौती। टीम इंडिया ने भले ही शान से चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में कदम रखा हो, लेकिन खिताबी जंग कतई आसान नहीं होने वाली है। ग्रुप स्टेज में तो रोहित की पलटन ने कीवी टीम को आसानी से रौंद दिया, पर फाइनल बाजी में कड़ा इम्तिहान होगा। भारतीय टीम ने आखिरी बार किसी भी फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को साल 1988 में हराया था।

इसके बाद हर बार कीवियों ने सिर्फ टीम इंडिया का सपना ही चकनाचूर किया है। आंखों से टपकते हुए आंसू के साथ धोनी की उस विदाई को भला कौन ही भुल सका है। मगर दुबई के मैदान पर इस दफा हर हार का हिसाब चुकता करने का मौका है, जो 37 साल से नहीं हुआ वो कर दिखाने का चांस है। विश्व क्रिकेट को यह बताने का समय है कि हिन्दुस्तान अब खिताबी मैचों को जीतने का हुनर सीख चुका है।

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जो कभी नहीं हुआ वो कर दिखाओ

आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया आजतक न्यूजीलैंड को हरा नहीं सकी है। चैंपियंस ट्रॉफी के खिताबी मुकाबले में भारत-न्यूजीलैंड की आखिरी भिड़ंत साल 2000 में हुई थी, जहां कीवी टीम ने भातरीय टीम का सपना चकनाचूर कर डाला था। साल 2021 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपयनशिप के फाइनल में भी टीम इंडिया का सामना कीवी टीम से हुआ था।


बारिश से प्रभावित मुकाबले में केन विलियमसन की अगुवाई में न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को चारों खाने चित कर डाला था। दिलचस्प बात यह है कि न्यूजीलैंड ने आईसीसी इवेंट्स में दो ही खिताब जीते हैं और इन दोनों ट्रॉफी पर कीवी टीम ने तब कब्जा जमाया है, जब फाइनल में सामने भारत रहा है। न्यूजीलैंड ने साल 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती, तो 2021 में डब्ल्यूटीसी के खिताब को अपने नाम किया।

37 साल का सूखा खत्म करो रोहित

टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी बार किसी भी फाइनल मैच में जीत साल 1988 में दर्ज की थी। शारजाह कप के खिताबी मुकाबले में रवि शास्त्री की कप्तानी में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 42 रनों से पटखनी दी थी। इसके बाद से दोनों टीमों कुल तीन फाइनल में एक-दूसरे के खिलाफ उतरी हैं, लेकिन हर बार बाजी कीवियों ने ही मारी है। 2005 में त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल मैच में भी न्यूजीलैंड के आगे टीम इंडिया ने सरेंडर कर दिया था।


फाइनल में अपने सामने भारतीय टीम को देखकर न्यूजीलैंड के खेल में अलग ही निखर आ जाता है, जो हर बार टीम इंडिया को भारी पड़ता है। मगर 37 साल बाद ही सही, लेकिन इतिहास को बदलने का सुनहरा मौका कप्तान रोहित शर्मा के पास आया है। टूर्नामेंट में जारी धांसू फॉर्म को अगर टीम इंडिया फाइनल में कायम रखने में सफल रही, तो कीवियों के लिए इस बार विजय रथ पर ब्रेक लगाना आसान नहीं होगा।

सिर्फ एक नॉकआउट मैच में जीत

फाइनल की कहानी तो गड़बड़ रही ही है। इसके साथ ही टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ आईसीसी इवेंट्स में सिर्फ एक बार ही नॉकआउट मैच जीत सकी है। यह खुशनुमा पल साल 2023 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप में आया था, जहां रोहित की कैप्टेंसी में टीम इंडिया ने कीवियों को चारों खाने चित कर दिया था। साल 2019 के सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड ने ही भारत का वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना चकनाचूर किया था। हालांकि, रोहित की सेना इस बार चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के विजय रथ पर सवार है और इस बार हिन्दुस्तान को चैंपियन बनने से रोकने के लिए न्यूजीलैंड को कुछ अलग या चमत्कारी प्रदर्शन करके दिखाना होगा। मगर बात खिताब की है, तो कप्तान रोहित को मैदान पर अपनी आंखें और कान हर वक्त खुले रखने होंगे।

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Edited By

Shubham Mishra

First published on: Mar 06, 2025 07:36 PM

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