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Domestic Cricket: भारत में टैलेंट की नर्सरी है घरेलू क्रिकेट, युवाओं की पौध तैयार; सरफराज, ध्रुव और आकाशदीप दे रहे बानगी

Domestic Cricket Importance in India: भारत में पिछले कुछ सालों में घरेलू क्रिकेट की छवि धूमिल होने लगी थी। लेकिन हाल ही में बीसीसीआई ने कुछ ऐसे कड़े कदम उठाए हैं जिसके बाद एक बार फिर से भारत में घरेलू क्रिकेट या फिर फर्स्ट क्लास क्रिकेट का वर्चस्व बढ़ गया है।

Edited By : Priyam Sinha | Updated: Mar 14, 2024 19:45
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Importance of Domestic Cricket India Nurturing Young Talent Sarfaraz Khan Dhruv Jurel Akashdeep
Importance of Domestic Cricket India Nurturing Young Talent

Domestic Cricket Importance in India: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की लिस्ट जारी की थी। घरेलू क्रिकेट को नजरअंदाज करने वाले खिलाड़ियों को इस सूची में जगह नहीं मिली। इनमें से मुख्य तौर पर ईशान किशन और श्रेयस अय्यर पर गाज गिरी। दोनों ही खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया। बोर्ड चाहता है कि खिलाड़ी अपने खाली समय में घरेलू क्रिकेट पर ध्यान दें। इसके अलावा BCCI ने टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए स्पेशल इंसेंटिव स्कीम भी लॉन्च की। लीग क्रिकेट के चलते कई खिलाड़ियों का टेस्ट और घरेलू क्रिकेट से मोह भंग हो रहा है। ऐसे में बोर्ड रेड बॉल क्रिकेट को फिर से वही सम्मान दिलाने का प्रयास कर रहा है। घरेलू क्रिकेट ने भारतीय टीम को कई सितारे दिए हैं। ज्यादा पीछे ना जाते हुए सिर्फ इंग्लैंड सीरीज पर नजर डालें तो सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, आकाशदीप और देवदत्त पडिक्कल जैसे युवाओं ने टेस्ट डेब्यू किया और टीम को सीरीज जिताने में अहम भूमिका अदा की।

सरफराज-ध्रुव ने खेलीं मैच विनिंग पारियां

घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले मुंबई के सरफराज खान ने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेले गए टेस्ट में डेब्यू किया। उन्होंने अपनी पहली ही पारी में ताबड़तोड़ अंदाज में 62 रन जड़ दिए। इस दौरान उनके बल्ले से 9 चौके और 1 छक्का देखने को मिला। हालांकि, वह दुर्भाग्यपूर्ण तरीके रन आउट हुए, लेकिन अपनी अर्धशतकीय पारी के दौरान उन्होंने दिखा दिया कि भारतीय टेस्ट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। इसी मुकाबले की दूसरी पारी में सरफराज ने नाबाद 68 रन बनाए। तीसरे टेस्ट में डेब्यू करने वाले ध्रुव जुरेल अर्धशतक से चूक गए और उन्होंने 46 रन की पारी खेली। जुरेल यहीं नहीं रुके और रांची में खेले गए चौथे टेस्ट में उन्होंने 90 रन की मैच विनिंग पारी खेलकर अपने आप को साबित किया। दूसरी पारी में वह 39 रन बनाकर नाबाद रहे। बहुत ही नाजुक समय पर खेली गई ध्रुव की इन पारियों के चलते भारत ने चौथा टेस्ट 5 विकेट से अपने नाम किया और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

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डेब्यू टेस्ट में छाए आकाशदीप

वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते जसप्रीत बुमराह को चौथे टेस्ट के लिए आराम दिया गया। ऐसे में बंगाल के तेज गेंदबाज आकाशदीप को टेस्ट डेब्यू का मौका मिला। बुमराह की गैरमौजूदगी में भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण कमजोर नजर आ रहा था। हालांकि, आकाशदीप ने इसे गलत साबित कर दिया। उन्होंने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को पवेलियन की राह दिखाई। तेज गेंदबाज ने बेन डकेट, ओली पोप और जैक क्रॉली को अपना शिकार बनाया। उनके अलावा रजत पाटीदार के चोटिल होने के चलते सीरीज के आखिरी टेस्ट में देवदत्त पडिक्कल को डेब्यू कैप थमाई गई। उन्होंने अपने करियर के पहले ही टेस्ट में अर्धशतक ठोक दिया। देवदत्त ने 10 चौकों और 1 छक्के की मदद से 65 रन बनाए।

क्या है BCCI की इंसेंटिव स्कीम

बीसीसीआई ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने के बाद भारतीय टीम को शानदार तोहफा दिया। नई इंसेंटिव स्कीम लाई गई और इसके मुताबिक एक सीजन में 50 प्रतिशत से कम टेस्ट खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों को केवल मैच फीस के 15 लाख रुपये मिलेंगे। वहीं जो खिलाड़ी 50 प्रतिशत से ज्यादा मुकाबले खेलते हैं उन्हें प्लेइंग 11 में जगह मिलने पर 30 लाख रुपये और बेंच पर बैठने पर 15 लाख रुपये मिलेंगे। साथ ही 75 प्रतिशत से अधिक टेस्ट के लिए भारतीय टीम में शामिल खिलाड़ियों के लिए यह इंसेंटिंव क्रमशः 45 लाख (प्लेइंग इलेवन में) और 22.5 लाख रुपये (नॉन-प्लेइंग इलेवन) होगा। BCCI ने अपनी इस टेस्ट इंसेंटिव स्कीम को 2022-23 सीजन से लागू करने का फैसला लिया है।

क्यों बनाई गई यह स्कीम

हाल ही में देखा गया कि भारतीय खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट खेलने के बजाए IPL 2024 की तैयारी शुरू कर दी। ईशान किशन-श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों ने रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने का फैसला लिया। बोर्ड ने खत लिखकर खिलाड़ियों से घरेलू क्रिकेट खेलने की बात भी कही, जिसे पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। इसके बाद BCCI ने जहां टेस्ट और घरेलू क्रिकेट को नजर अंदाज करने वाले खिलाड़ियों पर कार्रवाई की, वहीं रेड बॉल क्रिकेट खेलने वाले प्लेयर्स को पुरस्कृत करने की योजना भी बनाई। टेस्ट में इंसेंटिव स्कीम लांच होने के बाद इस प्रारूप को प्राथमिकता देने वाले खिलाड़ी भी आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे।

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Written By

Priyam Sinha

First published on: Mar 14, 2024 07:45 PM

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