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थम गई सांसें, तालियों से गूंजा पूरा MCG, मेलबर्न में सदियों तक याद रखा जाएगा नीतीश रेड्डी का शतक

मेलबर्न के मैदान पर नीतीश रेड्डी के बल्ले से ऐसी पारी निकली, जिसको सदियों तक याद रखा जाएगा। दबाव में नीतीश ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जमाया।

Edited By : Shubham Mishra | Updated: Dec 28, 2024 12:39
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Nitish Reddy

शुभम मिश्रा। Nitish Reddy Century: नीतीश रेड्डी 97 पर बल्लेबाजी कर रहे थे और दूसरे छोर पर खड़े थे। लायन के हाथ से निकली अगली गेंद पर वॉशिंगटन सुंदर ने स्मिथ के हाथों में कैच थमा दिया। भारत को आठवां झटका लग गया। क्रीज पर उतरे जसप्रीत बुमराह। बुमराह ने दो गेंद ही ठीक से खेली थी कि तीसरी बॉल पर वह स्लिप में कैच दे बैठे। मैदान पर सन्नाटा छा गया। हर उस क्रिकेट फैन का चेहरा उतर गया, तो नीतीश के शतक का इंतजार कर रहा था। बुमराह के जाने के बाद मैदान पर उतरे मोहम्मद सिराज। मेलबर्न में नीतीश के शतक की खातिर दुआएं मांगी जानी लगीं। सिराज को ओवर में अभी तीन गेंदें खेलनी थीं। हर किसा का दिल धक-धक कर रहा था, सांसें मानो थम सी गई थीं। सिराज जैसे ही एक गेंद को खेल लेते वैसे ही मेलबर्न का पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता।

हर गेंद पर बज रही थी तालियां

पहली बॉल को सिराज ठीक तरह से नहीं खेल सके। दूसरी बॉल को सिराज ने कीपर के दस्तानों में जाने दिया। कमिंस के हाथ से निकली ओवर की आखिरी गेंद पर सिराज ने अपने पिटारे से जबरदस्त डिफेंस निकाला। ग्राउंड पर मौजूद और टीवी सेट से चिपके तमाम भारतीय फैन्स के चेहरे सिराज के इस डिफेंस से खिल उठे। टीम इंडिया के खेमे में भी माहौल खुशनुमा हो गया। यह सिर्फ इस बात की खुशी थी कि अगले ओवर में अब स्ट्राइक नीतीश के पास होगी और वह अपना शतक पूरा कर लेंगे। नीतीश ने दो गेंदों का और इंतजार करवाया। इसके बाद आया वो पल, जिसका करोड़ों फैन्स दिल थामकर इंतजार कर रहे थे। बोलैंड की गेंद को नीतीश ने उनके सिर के ऊपर से निकाल दिया और बॉल बाउंड्री लाइन के पार पहुंच गई। मैदान पर जश्न जैसा माहौल हो गया।

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सदियों तक याद रखा जाएगा यह शतक

नीतीश घुटने पर बैठे, बल्ले को नीचे रखा और उस पर हेलमेट को टांग दिया। नीतीश के सेलिब्रेशन के साथ-साथ हर कोई इस जश्न में शामिल हो गया। नीतीश ने मेलबर्न के मैदान पर वो कर दिखाया, जिसका ख्वाब हर बल्लेबाज देखता है। नीतीश के चेहरे पर जो खुशी थी वो इस शतकीय पारी का महत्व खुद बा खुद बयां कर रही थी। पिता की आंखों में आंसू थे और दिल बाग-बाग था। दबाव की स्थिति में खेली गई इस पारी को शायद मेलबर्न में सदियों तक याद रखा जाएगा।

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Edited By

Shubham Mishra

First published on: Dec 28, 2024 12:39 PM

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