Harbhajan Singh: पूर्व भारतीय दिग्गज खिलाड़ी हरभजन सिंह अकसर भारतीय टीम और बीसीसीआई को अपना सुझाव देते रहते हैं। इस बार भी हरभजन सिंह ने बीसीसीआई को अहम सलाह दी है। उनका मानना है कि भारतीय टीम को विभाजन कोचिंग की तरफ रुख करना चाहिए। इससे टीम के प्रदर्शन में सुधार होगा। क्योंकि गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम का प्रदर्शन सभी प्रारूप में अच्छा नहीं रहा है। इसलिए हरभजन सिंह ने सवाल उठाए हैं।
क्या बोले हरभजन सिंह?
हरभजन सिंह का मानना है कि कोच को किसी भी सीरीज की तैयारियों के लिए समय जरूरी होता है। उनका मानना है कि अगर किसी पर साल भर काम का बोझ डाला जाए तो ये अच्छा नहीं होगा। उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि अगर एक कोच पर साल भर बहुत ज्यादा काम का बोझ डाला जाए तो यह अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आपके कोच को भी किसी सीरीज की तैयारी के लिए समय चाहिए होता है। जैसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच टेस्ट, फिर इंग्लैंड में, फिर कहीं और। इसलिए कोच तैयारी कर सकता है और तय कर सकता है कि उसकी टीम कैसी होनी चाहिए। यही बात सीमित ओवर प्रारूप के कोच के लिए भी लागू होती है। उसे भी तैयारी के लिए समय चाहिए होगा।
गंभीर नहीं कर पाए तीनों प्रारूप में साबित
गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम ने टी-20 और वनडे क्रिकेट में शानदार खेल दिखाया है। लेकिन टेस्ट में वह खरे नहीं उतर सके। बतौर कोच गंभीर की कोचिंग में भारत ने खेले गए 15 मैचों में से 13 मुकाबले अपने नाम किए हैं, जबकि 2 मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा 11 वनडे मैच में भारत ने 8 मुकाबले जीते हैं, जबकि 2 मैच में टीम इंडिया को हारना पड़ा है। भारत ने गंभीर की कोचिंग में खेले गए 13 टेस्ट मैच में 4 मुकाबले जीते हैं, जबकि 8 मैच में भारतीय टीम को घुटने टेकने पड़े हैं। आंकड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि गंभीर रेड बॉल में भारत के लिए कुछ खास काम नहीं कर पाए हैं।