जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर स्थित इंटरनेशनल फुटबॉल स्टेडियम में हाल ही में आग लगने की घटना चर्चा की विषय बनी हुई है। इस घटना ने राज्य सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। फीफा द्वारा मान्यता प्राप्त भारत के इस दूसरे फुटबॉल ग्राउंड में राजस्थान सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च करके बेल्जियम से आर्टिफिशियल ग्रीन घास मंगवाई, लेकिन उसको अच्छे से संभाल नहीं सकी। बेल्जियम सिलाई की घास में दिवाली के दिन आग लग गई और इससे भी बड़ी बात यह है कि इंडियन फुटबॉल लीग का आयोजन इस जली हुई घास में करवाया जा रहा है, जो खिलाड़ियों और फुटबॉल फैंस के लिए चिंता का विषय है।
बताया जा रहा है कि यह घास कुछ समय पहले ही करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से खरीदी गई थी। जानकारी के अनुसार राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर में राज्य सरकार ने इंटरनेशनल लेवल का फुटबॉल ग्राउंड बनाया था। अक्टूबर में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा द्वारा फुटबॉल लीग का उद्घाटन किया गया था। इस फुटबॉल ग्राउंड को 13 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है।
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फैंस ने की जांच की मांग
खास बात यह है कि इस मैदान पर लगाई गई घास आर्टिफिशियल है, लेकिन फीफा मानकों से एप्रूव्ड है। उद्घाटन के बाद से इस स्टेडियम में कई टूर्नामेंट का आयोजन हो चुका है। फुटबॉल ग्राउंड के चारों तरफ सिंथेटिक ट्रैक भी बिछाए गए हैं, जिससे खिलाड़ी अच्छी तरह से प्रैक्टिस कर सकें। फिलहाल यह फुटबॉल ग्राउंड यूनाइटेड फुटबॉल क्लब का होम ग्राउंड है। आग लगने की घटना पर कई विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी महंगी घास की सुरक्षा और रखरखाव में इतनी बड़ी लापरवाही नहीं होनी चाहिए थी। इस घटना के बाद फैंस ने राज्य सरकार से मामले की जांच कराने और सुरक्षा उपायों को पुख्ता बनाने की मांग की है, ताकि भविष्य में फिर कभी ऐसी लापरवाही ना हो।
3 हजार है दर्शक क्षमता
जयपुर में स्थिन इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता तीन हजार है। इस ग्राउंड पर लगभग तीन हजार दर्शक मैच का आनंद ले सकते हैं और करीब 20 हजार दर्शकों के खड़े रहने की व्यवस्था है। फीफा ने इस ग्राउंड को इंटरनेशनल सर्टिफिकेट जारी किया है, जो 12 जुलाई, 2027 तक मान्य होगा। तैयार होने के बाद इस स्टेडियम में सबसे पहली बार राजमाता जीजाबाई ट्रॉफी सीनियर महिला फुटबॉल का आयोजन हुआ था, जिसके तहत देश की आठ नेशनल टीम जयपुर में खेलती नजर आईं।
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