IND vs SA: साउथ अफ्रीका के हाथों गुवहाटी में मिली हार को पचाना इतना आसान नहीं होगा. सीरीज बराबर करने का सपना तो चकनाचूर हुआ ही इसके साथ ही टीम इंडिया के दामन में वो बदनुमा दाग लग गया, जो अब शायद ही कभी छूट पाएगा. बल्लेबाजों ने पहले ईडन गार्डन्स और फिर गुवाहाटी में नाक कटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
दूसरे टेस्ट की दोनों ही पारियों में इंडियन बैटर्स औंधे मुंह गिरे. बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया और 540 रनों के जवाब में पूरी टीम 140 रन बनाकर ऑलआउट हो गई. दूसरे टेस्ट में वो घटना घट गई, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आजतक नहीं घट सकी थी.
टीम इंडिया के दामन में लगा दाग
दरअसल, भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह पहला मौका है, जब टीम इंडिया को किसी टेस्ट मैच में 350 से ज्यादा रनों के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा है. दूसरे टेस्ट में साउथ अफ्रीका ने भारतीय टीम को 408 रनों से रौंद डाला. यह हार आने वाले काफी समय तक चुभेगी. रनों के लिहाज से यह भारतीय टीम की सबसे बड़ी हार भी रही. इससे पहले साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारतीय टीम को 342 रनों से हार झेलनी पड़ी थी. वहीं, 2006 में पाकिस्तान ने टीम इंडिया को 341 रनों से धोया था.
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20 साल बाद हुआ ऐसा
20 साल में यह पहला मौका है जब टीम इंडिया की ओर से एक भी बल्लेबाज पूरी टेस्ट सीरीज में शतक नहीं लगा सका है. इससे पहले साल 1995 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज में यह नजारा देखने को मिला था. भारतीय बल्लेबाज सीरीज में बुरी तरह से फ्लॉप रहे, जिसका खामियाजा टीम इंडिया को भुगतना पड़ा. लगातार दो टेस्ट मैचों में मिली हार के साथ ही भारतीय टीम की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की राह भी मुश्किल हो चली है. बचे हुए 9 मैचों में से अब टीम इंडिया को कम से कम 7 में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी.










