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क्रिकेट

नायर साहब को तो आजमा लिया… अब अभिमन्यु को दो इंग्लैंड के ‘चक्रव्यूह’ को भेदने का मौका, एक चांस तो बनता है!

Abhimanyu Easwaran: करुण नायर 6 पारियां खेलने के बावजूद इंग्लैंड की धरती पर खूब को साबित करने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में उनकी जगह पर अभिमन्यु को चांस देने की मांग उठ रही है।

Author Written By: Shubham Mishra Author Edited By : Shubham Mishra Updated: Jul 16, 2025 21:19
Abhimanyu Easwaran

शुभम मिश्रा।Abhimanyu Easwaran: 6 पारियां, 21 का औसत और बल्ले से निकले कुल 131 रन। इंग्लैंड पहुंचने के साथ ही एक बल्लेबाज को प्लेइंग 11 में शामिल करने की खूब मांग उठी थी। नाम था करुण नायर। 7 साल बाद टीम में लौटे करुण को टीम मैनेजमेंट ने पर्याप्त मौके भी दिए, लेकिन बल्ला नहीं चल सका। लॉर्ड्स में मिली हार के बाद करुण पर गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है। मगर सवाल यह है कि करुण बेंच पर आराम फरमाएंगे, तो प्लेइंग 11 में किसकी जगह बनेगी? रेस में अब दो नाम हैं।

आईपीएल 2025 में चमकने वाले साई सुदर्शन, तो घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले अभिमन्यु ईश्वरन। सुदर्शन को पहले टेस्ट में आजमाया गया था, लेकिन पहली पारी में उनका खाता तक नहीं खुल सका था, तो दूसरी इनिंग में वह 30 रन ही बना सके थे। मगर अभिमन्यु तो साल 2021-22 से सिर्फ अपने टेस्ट डेब्यू की राह ही देख रहे हैं।

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कई दौरे पर अभिमन्यु टीम इंडिया के साथ जाते हैं, पर बिना मैच खेले ही लौट आते हैं। हालांकि, टीम मैनेजमेंट अब टॉप ऑर्डर में दो बल्लेबाजों को आजमा चुकी है। ऐसे में ओल्ड ट्रैफर्ड में अब अभिमन्यु को आजमाने की बारी है। महाभारत में अर्जुन पुत्र अभिमन्यु भले ही चक्रव्यूह तो तोड़ने में असफल रहे थे, लेकिन उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी थी। टीम इंडिया को भी सीरीज में भी जीवित रहने के लिए मैनचेस्टर में लड़ाई लड़ने की जरूरत होगी। ऐसे में अभिमन्यु जैसे योद्धा को मैदान में उतारना होगा, जो यहां तक पहुंचने के लिए पहले ही लंबी लड़ाई लड़कर आ रहा है।

अभिमन्यु को आजमाने का सही वक्त

103 फर्स्ट क्लास मैचों का अनुभव। 177 पारियों में 48.70 की औसत और नाम के आगे लिखे हुए 7841 रन। लिस्ट-ए क्रिकेट में 89 मैचों का अनुभव और इस दौरान बल्ले से निकले 3,857 रन। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 27 शतक और लिस्ट-ए क्रिकेट में 9 सेंचुरी। इन रिकॉर्ड को देखकर आप खुद तय कीजिए कि क्या अभिमन्यु टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने के हकदार नहीं हैं? अभिमन्यु कई टूर पर सिर्फ ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनकर रह जाते हैं। पहले टेस्ट टीम में रोहित शर्मा और विराट कोहली थे, जिसके कारण टॉप से लेकर मिडिल ऑर्डर तक में अभिमन्यु की जगह नहीं बन पाती थी।

हालांकि, रोहित-कोहली के रिटायरमेंट के बाद माना जा रहा था कि अभिमन्यु की प्लेइंग 11 में जगह पक्की हो सकती है। मगर फर्स्ट क्लास क्रिकेट की वकालत करने वाले हेड कोच गौतम गंभीर ने हेडिंग्ले में खेले गए पहले ही टेस्ट में 30 फर्स्ट क्लास मैच खेलने वाले साई सुदर्शन को मैदान पर उतार दिया और फिर अभिमन्यु का इंतजार बढ़ गया। एजबेस्टन और फिर लॉर्ड्स में भी अभिमन्यु का टीम इंडिया की जर्सी में खेलने का सपना साकार नहीं हो सका।

इंग्लैंड का चक्रव्यूह भेद सकते हैं अभिमन्यु

अभिमन्यु ईश्वरन के पास अनुभव की कोई कमी नहीं है। भले ही यह अनुभव घरेलू क्रिकेट का हो, लेकिन इतने लंबे समय से अपनी बारी का इतंजार कर रहे अभिमन्यु ने धैर्य का दामन थाम रखा है, जो मौका मिलने पर उनकी सबसे बड़ी ताकत बनेगा। अभिमन्यु ने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ खेले गए मैचों में भी अपनी बैटिंग से खासा प्रभावित किया था। टेस्ट क्रिकेट में अभिमन्यु जैसी काबिलियत रखने वाले बल्लेबाज को इस तरह सीरीज दर सीरीज बेंच पर बैठाए रखना टैलेंट को बर्बाद करने जैसा है। अभिमन्यु 29 साल के हो चुके हैं और अगर इस सीरीज में उन्हें मौका नहीं दिया गया, तो शायद घरेलू क्रिकेट में लगातार मेहनत करके रन बना रहे सभी बैटर्स की नजर में इस फॉर्मेट की कीमत कम हो जाएगी।

 

First published on: Jul 16, 2025 09:19 PM

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