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क्रिकेट में नो बॉल कितनी तरह की होती हैं? जानें कब से लागू हुआ ये नियम

Cricket No Ball Rule: क्रिकेट में तमाम नियमों में एक सबसे अहम नियम नो बॉल भी है। ये नो बॉल किसी भी मैच के परिणाम को बदलने के लिए काफी है। क्रिकेट में नो बॉल एक ऐसी गेंद होती है, जिसपर बल्लेबाज क्लीन बोल्ड या कैच आउट होने पर भी आउट नहीं होता है। इसके बदले में बल्लेबाजी करने वाली टीम को अतिरिक्त रन भी मिलता है, इसलिए कोई भी गेंदबाज नो बॉल डालने से बचता है।

Edited By : Mashahid abbas | Updated: Sep 30, 2024 11:51
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Cricket No Ball
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Cricket No Ball Rule: क्रिकेट की दुनिया में नो बॉल फेंकना एक जुर्म करने जैसा है। कई बार ये गलती पूरे मैच का रुख बदल देती है और इससे मैच का परिणाम पूरी तरह से बदल जाता है। हालांकि दुनिया में कई ऐसे गेंदबाज भी रहे हैं, जिन्होंने अपने पूरे क्रिकेट करिअर में एक भी नो बॉल नहीं फेंकी है। लेकिन, कई ऐसे गेंदबाज भी हुए हैं जिन्होंने गलत समय पर नो बॉल डालकर टीम को महत्वपूर्ण मैचों में हार की ओर धकेल दिया। लेकिन क्या आपको नो बॉल कितने तरह की होती है और इसके नियम में अब तक क्या क्या बदलाव किए गए हैं। आइए इस रिपोर्ट में हम इसी बात की जानकारी आपसे साझा करते हैं।

क्या होती है नो बॉल

क्रिकेट में नो बॉल उस गेंद को कहा जाता है जो वैलिड नहीं होती हैं और किसी न किसी नियम का उल्लंघन करती हैं। इसीलिए अगर कोई भी गेंदबाज नियमों का उल्लंघन करते हुए गेंद फेंकता है तो उसे नो बॉल करार दिया जाता है और इसमें बल्लेबाजी करने वाली टीम को 1 अतिरिक्त रन दिया जाता है। यह रन बल्लेबाज के खाते में जुड़ने के बजाय टीम के खाते में जुड़ता है। वहीं, गेंदबाज को इसका खामियाजा अतिरिक्त रन देने के साथ साथ एक अतिरिक्त गेंद फेंक कर पूरा करना होता है।

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कौन सी गेंद होती है नो बॉल

नो बॉल कई तरह के होते हैं। इसमें जो अक्सर हुआ करते हैं उसमें गेंदबाज का पैर गेंद फेंकने वाली लाइन को क्रास करने, फुल टॉस गेंद यदि बल्लेबाज के कमर से ऊपर हो, गेंद बल्लेबाज के पास पहुंचने से पहले दो टप्पा खाए या गेंद बल्लेबाज तक पहुंचने से पहले ही रुक जाए, गेंदबाज स्टंप से टकरा जाए या कोई फील्डर मैदान पर बाधा पहुंचाए तो उन सभी गेंदों को नो बॉल करार दिया जाता है।

पहले नहीं मिलता था अतिरिक्त रन

90 के दशक से पहले नो बॉल पर अतिरिक्त रन नहीं दिए जाते थे। तब नो बॉल पर 4 या 6 रन ही बल्लेबाज बाउंड्री मारकर ले सकता था। तब नो बॉल पर सिर्फ विकेट न दिए जाने का चलन था, लेकिन 90 के दशक में नो बॉल पर अतिरिक्त रन देने का नियम भी बनाया गया।

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2015 में शुरू हुआ फ्री हिट का चलन 

नो बॉल पर आईसीसी ने 2015 में एक और सख्त फैसला लिया। तब से लेकर अब तक नो बॉल पर फ्री हिट का नियम जारी है। ये वनडे और टी20 क्रिकेट में लागू है। नो बॉल पर बल्लेबाजी करने वाली टीम को अतिरिक्त रन मिलता है और बल्लेबाज आउट नहीं हो सकता है (सिवाय नो बॉल पर आउट होने वाले नियमों)। फ्री हिट में गेंदबाज को एक अतिरिक्त गेंद फेंकनी होती है, इस गेंद पर भी बल्लेबाज का विकेट नहीं गिरता है सिवाय कुछ खास कंडीशन के। इन दोनों गेंद पर बल्लेबाज खुलकर बैटिंग कर सकता है।

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Mashahid abbas

First published on: Sep 30, 2024 11:50 AM

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