Duncan Fletcher: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसका वर्चस्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। खासकर भारत में इस खेल को अधिक पसंद किया जाता है। हालांकि इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे, जिन्हें भारत या अपनी नेशनल टीम की ओर से खेलने का मौका नहीं मिला। लेकिन इन खिलाड़ियों ने कोचिंग में अपना नाम बनाया। इस लेख में 4 ऐसे ही खिलाड़ी के बारे में बात करेंगे, जो अपने करियर में महान नहीं थे। लेकिन कोचिंग की दुनिया में उन्होंने अपनी पहचान पूरी विश्व में बनाई।
विक्रम राठौड़
भारत के पूर्व बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने भारत के लिए केवल 6 टेस्ट मैच खेला था। इस दौरान उन्होंने 131 रन बनाए थे, जबकि 7 वनडे मैच में उन्होंने 197 रन ही बना पाए। लेकिन कोचिंग की दुनिया में उन्होंने एक अलग ही नाम कमाया। उनकी कोचिंग में टीम इंडिया ने हाल ही में टी-20 विश्व कप 2024 को अपने नाम किया। फ्लॉप करियर के मालिक होते हुए भी राठौड़ ने भारतीय टीम को लगभग 5 सालों तक कोचिंग दी है।
Vikram Rathore on Virat Kohli T20 WC : 🗣️-
“Virat Kohli was not fitting into our t20 wc setup but due to some reason he got chance, even then he did not perform in the entire wc. We were about to drop him in the middle of the wc but the captain Rohit had faith in him. Virat will… pic.twitter.com/gqACeCL44T
---विज्ञापन---— 𝐑𝐮𝐬𝐡𝐢𝐢𝐢⁴⁵ (@rushiii_12) August 20, 2024
मोंटी देसाई
मोंटी देसाई ने एक भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है। लेकिन इसके बाद भी वो आज कोचिंग की दुनिया में बड़े नाम हैं। उन्होंने साल 2018 में अफगानिस्तान नेशनल टीम को कोचिंग दी। इसके अलावा देसाई, यूएई और वेस्टइंडीज टीम का हिस्सा रहे हैं। नेपाल को कोचिंग देते हुए देसाई ने एशिया कप 2023 में क्वालीफाई करवाने में मदद की थी।
डंकन फ्लेचर
जिम्बाब्वे के लिए केवल 6 वनडे मैच खेलने वाले डंकन फ्लेचर एक समय में कोचिंग की दुनिया में बड़ा नाम थे। वह भारतीय टीम के हेड कोच भी रह चुके हैं। उनकी कोचिंग में ही टीम इंडिया ने साल 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब को अपने नाम किया था। वहीं भारतीय टीम ने फ्लेचर की कोचिंग में लगातार 8 सीरीज पर कब्जा जमाया था। इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड को भी कोचिंग दी है।
डेट वॉटमॉर
डेट वॉटमॉर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए केवल 7 टेस्ट मैच में प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा उन्होंने केवल 1 वनडे मैच में भाग लिया। अपने फ्लॉप करियर के बाद उन्होंने कोचिंग की दुनिया में लोकप्रियता बटोरी। उन्होंने अपनी कोचिंग में श्रीलंका को साल 1996 में विश्व कप भी जिताया। श्रीलंका के अलावा वॉटमोर ने पाकिस्तान, बांग्लादेश को भी कोचिंग दी है।
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