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क्या होता है Black Hole? जिसकी स्टडी के लिए इसरो ने लॉन्च किया मिशन XPoSat? खुलेंगे ब्रह्मांड के कई रहस्य

What is Black Hole in Hindi : ब्लैक होल को स्पेस की ऐसी जगह माना जाता है जहां फिजिक्स के नियम काम नहीं करते। इसका खिंचाव इतना ज्यादा होता है कि इसके अंदर जाने वाला कुछ भी बाहर नहीं आ पाता।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jan 1, 2024 17:35
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What is Black Hole in Hindi : स्पेस साइंस के क्षेत्र में ब्लैक होल को सबसे अजीब और सबसे आकर्षक ऑब्जेक्ट्स में से एक माना जाता है। इनका घनत्व बहुत अधिक होता है और इनका गुरुत्वाकर्षण बल इतना ज्यादा होता है कि प्रकाश भी इनसे बच नहीं पाता।

वैज्ञानिकों के अनुसार हमारी आकाशगंगा मिल्की वे में 10 करोड़ से ज्यादा ब्लैक होल हो सकते हैं। हालांकि, इनका पता लगाना बेहद कठिन होता है। मिल्की वे के बीच में एक बहुत बड़ा ब्लैक होल है जिसका नाम Sagittarius A* है।

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ब्लैक होल पर अध्ययन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो सोमवार को ने मिशन XPoSat लॉन्च किया है। माना जा रहा है कि इसके जरिए ब्लैक होल से जुड़ी कई नई जानकारियां सामने आएंगी और ब्रह्मांड के कई रहस्य खुलेंगे।

किसी ब्लैक होल की सबसे पहली तस्वीर साल 2019 में इवेंट होराइजन टेलीस्कोप से ली गई थी। धरती से करीब पांच करोड़ प्रकाश वर्ष दूर एम87 नामक गैलेक्सी के बीच में मौजूद इस ब्लैक होल की तस्वीर ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया था।

ब्लैक होल्स की तीन परत होती हैं। ये आउटर और इनर इवेंट होराइजन और सिंगुलेरिटी हैं। इवेंट होराइजन किसी ब्लैक होल की बाउंड्री होती है। इसे ब्लैक होल का मुंह भी कहा जाता है। अगर कोई पदार्थ इवेंट होराइजन में पहुंच जाता है तो वह वापस नहीं निकल सकता।

ब्लैक होल का अंदरूनी हिस्से को सिंगुलेरिटी के नाम से जाना जाता है। इसी बिंदु पर ब्लैक होल का द्रव्यमान कंसंट्रेट होता है। यह ब्लैक होल के बीचो बीच का हिस्सा है। ब्लैक होल में जो कुछ भी गिरता है वह यहीं पहुंचता है।

The supermassive black hole in the center of the galaxy M87 and its shadow captured by The Event Horizon Telescope. (Image credit: EHT Collaboration)

कैसे बनते हैं ब्लैक होल्स

ब्लैक होल दो तरीके से बनते हैं। पहले तरीके के अनुसार जब किसी बहुत बड़े तारे का पूरा ईंधन यानी हाइड्रोजन खत्म हो जाता है तो उसमें एक विस्फोट होता है, जिसके बाद वह एक बहुत घना ऑब्जेक्ट बनता है जिसे ब्लैक होल कहा जाता है।

हालांकि, हर तारा फटने के बाद ब्लैक होल नहीं बनाता। जिन तारों के मरने के बाद ब्लैक होल बन सकता है उनका द्रव्यमान हमारे सूर्य से 8 से 10 गुना ज्यादा होता है। इनके फटने के बाद बने ब्लैक होल को स्टेलर मास ब्लैक होल कहते हैं।

इसके अलावा ब्लैक होल बनने का दूसरा कारण अंतरिक्ष में गैसों का सीधा टकराव हो सकता है। इस प्रक्रिया से बनने वाले ब्लैक होल बहुत ज्यादा विशाल होते हैं और इनका द्रव्यमान हमारे सूर्य से 1000 से एक लाख गुना गुना तक अधिक हो सकता है।

At the center of the Milky Way lies a supermassive black hole Sagittarius A* (Image credit: NASA)

किसने की इसकी खोज

ब्लैक होल के अस्तित्व का अनुमान महान वैज्ञानिक आइंस्टाइन के इक्वेशंस के मैथमैटिकल समाधान के तौर पर लगाया गया था। बता दें कि आइंस्टाइन के इक्वेशंस किसी पदार्थ के आस-पास के स्पेस के आकार के बारे में बताते हैं।

आइंस्टाइन ने अपनी जनरल रिलेटिविटी थ्योरी के जरिए सबसे पहले साल 1916 में ब्लैक होल के अस्तित्व का अनुमान लगाया था। ब्लैक होल शब्द का इस्तेमाल पहली बार साल 1967 में अमेरिकी एस्ट्रोनॉमर जॉन व्हीलर ने किया था।

साल 1915 में कार्ल श्वार्ज्सचाइल्ड ने ब्लैक होल सॉल्यूशन का पता लगाया था। इनके बारे में तब यह जानकारी सामने आई थी कि ये ब्लैक होल स्पेस को बड़े स्तर पर प्रभावित कर रहे थे और स्पेसटाइम के फैब्रिक में छेद करने वाले थे।

तब यह पता नहीं था कि क्या ये असल में हैं या नहीं। समय के साथ जब स्टेलर डेथ जैसी बातें पता चलीं तब साफ हुआ कि ब्लैक होल असलियत में होते हैं। जिस ब्लैक होल के बारे में सबसे पहले पता चला था उसका नाम Cygnus-X1 था।

नासा के अनुसार ब्लैक होल का पहला संकेत साल 1964 में मिला था जब एक साउंडिंग रॉकेट ने एक्स रे के सेलेस्टियस सोर्सेज का पता लगाया था। साल 1971 में पता चला कि ये एक्स रे एक चमकीले नीले तारे से आ रही थीं जो एक अजीब डार्क ऑब्जेक्ट का चक्कर लगा रहा था।

Astronomers captured a new polarized view of the black hole following the release of the first image of a black hole in 2019. (Image credit: EHT Collaboration)

स्पेस में कितने ब्लैक होल हैं

स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के अनुसार हर 1000 तारों में से एक तारा इतना बड़ा होता है कि वह ब्लैक होल बन सकता है। मिल्की वे में 100 अरब तारे हैं। इस हिसाब से इसमें लगभग 10 करोड़ ब्लैक होल होने की संभावना है।

धरती के सबसे नजदीक मौजूद ब्लैक होल का नाम द यूनिकॉर्न है जो करीब 1500 प्रकाश वर्ष दूर है। इसका द्रव्यमान हमारे सूर्य से करीब तीन गुना ज्यादा है जो कि एक सामान्य ब्लैक होल के मुकाबले काफी कम है। यह इसे अपनी तरह का अकेला ब्लैक होल बनाता है।

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News24 हिंदी

First published on: Jan 01, 2024 05:35 PM

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