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प्लास्टिक निगलने के लिए मजबूर इंसान, सेहत के लिए बढ़ा खतरा

– डॉ. आशीष कुमार। शोध पत्रिका ‘फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स’ में प्रकाशित शोध पत्र में खुलासा हुआ है कि व्यक्ति एक हफ्ते में सांसों के जरिए एटीएम कार्ड के बराबर प्लास्टिक (Micro Plastic) का सेवन कर लेता है। यह पर्यावरण प्रदूषण के चिंताजनक स्तर को इंगित करता है। शोध में पता चला है कि मानवीय शरीर […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Jun 23, 2023 14:06
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– डॉ. आशीष कुमार। शोध पत्रिका ‘फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स’ में प्रकाशित शोध पत्र में खुलासा हुआ है कि व्यक्ति एक हफ्ते में सांसों के जरिए एटीएम कार्ड के बराबर प्लास्टिक (Micro Plastic) का सेवन कर लेता है। यह पर्यावरण प्रदूषण के चिंताजनक स्तर को इंगित करता है।

शोध में पता चला है कि मानवीय शरीर में प्लास्टिक के कण चिंताजनक स्तर तक बढ़ रहे हैं। प्लास्टिक की बोतल और बर्तनों में भोज्य पदार्थों के संग्रहण और सेवन के प्रति पहले से ही सावधान किया जा रहा है। लेकिन, अब शोध में नए तथ्य सामने आए हैं कि वायु में फैले हुए प्लास्टिक कणों के कारण भी मानवीय शरीर में इनकी मात्रा चिंताजनक स्तर पर देखी गई है। प्लास्टिक के बर्तनों या बोतलों के सेवन को दैनिक जीवन में प्रयोग से बचा जा सकता है, लेकिन वायु में फैले प्लास्टिक प्रदूषण (Micro Plastic Pollution) से बचना आसान नहीं है।

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इस शोध के लिए ऑस्ट्रेलिया के कई विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने मिलकर एक कम्प्यूटर मॉडल तैयार किया। इस मॉडल को मनुष्य के गले की सांस नली की तरह तैयार किया गया, जिसके माध्यम से सामान्य पर्यावरण के माहौल में सांसों की गति के समान वायु के आने जाने का विश्लेषण किया गया।

इस शोध में मॉडल सांस नली में एक हफ्ते के एकत्रित हुए प्लास्टिक के कणों का विश्लेषण किया गया। इस शोध के लिए माइक्रोप्लास्टिक के पांच मिलीमीटर से कम छोटे टुकड़ों को मानक के रूप में लिया गया। आंकड़ों के आधार पर आंका गया कि एक हफ्ते में मॉडल ने श्वसन के दौरान एक एटीएम कार्ड के बराबर माइक्रोप्लास्टिक के कणों एकत्रित किया।

मनुष्य जाति के लिए है खतरनाक

शोधकर्ताओं ने शोध के आधार पर चिंता व्यक्त की है कि पर्यावरण में प्लास्टिक की मात्रा का बढ़ना मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। मनुष्य की सांस नली की बनावट बेहद ही जटिल और संवेदनशील होती है। इस प्लास्टिक से श्वसन तंत्र व शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर रोग पैदा हो सकते हैं। ये कण कैंस के कारक भी हो सकते हैं।

शोध के आंकड़ों के मुताबिक एक औसत व्यक्ति एक सप्ताह में 16.2 बिट्स माइक्रोप्लास्टिक को सांसों के जरिए अपने शरीर के अंदर ले रहा है, जोकि एटीएम कार्ड के बराबर है।

(लेखक इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टडीज (ISOMES) में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।)

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Sunil Sharma

First published on: Jun 23, 2023 02:00 PM

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