Sunita Williams Birthday Special: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स आज 57 वर्ष की हो गई हैं। सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहायो के यूक्लिड शहर में हुआ था। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता 195 दिन से भी ज्यादा दिन तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व रिकॉर्ड बना चुकी हैं।
सुनीता विलियम्स का परिवार
सुनीता विलियम्स पांड्या के पिता डॉ.दीपक एन.पांड्या भारत के गुजरात के रहने वाले हैं और उनकी मां बॉनी जालोकर पांड्या स्लोवेनिया से हैं। जब सुनीता 1 साल की थी, तो उनके पिता अहमदाबाद से अमेरिका के बोस्टन में आकर बस गए। सुनीता विलियम्स के एक बड़े भाई जय थॉमस पांड्या और एक बड़ी बहन डायना एन पांड्या हैं। सुनीता का विवाह माइकल जे. विलियम्स से हुआ। वे सुनीता विलियम्स के सहपाठी रह चुके हैं।
प्रारम्भिक शिक्षा
सुनीता विलियम्स ने मैसाचुसट्स में नीधम हाई स्कूल से पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने यूनाइटेड स्टेट नेवल अकादमी से फिजिकल साइंस में बैचलर और इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की है।
अंतरिक्ष यात्रा का प्रशिक्षण
सुनीता विलियम्स को 1987 में अमेरिकी नौसेना में शामिल किया गया। छह महीने की अस्थायी असाइनमेंट के बाद उनको बेसिक डाइविंग अफसर नियुक्त किया गया। 1998 में सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष यात्रा प्रशिक्षण लेना शुरू किया था।
अंतरिक्ष में 195 दिनों तक रहने का रिकॉर्ड
सुनीता विलियम्स अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है। अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में 195 दिनों तक रहने का रिकॉर्ड बनाया था।
सुनीता विलियम्स की उपलब्धियां
सुनीता विलियम्स का जून 1998 में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में चयन हुआ और प्रशिक्षण शुरू हुआ। जून, 1998 से नासा से जुड़ी सुनीता ने अभी तक कुल 30 अलग-अलग अंतरिक्ष यानों में 2770 उड़ानें भरी हैं, जिसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा'(1998) मिशन एसटीएस 116, अभियान 14, अभियान 15, एसटीएस 117, सोयुज टीएमए-05 एम, अभियान 32, अभियान 33 उपलब्धियां शामिल हैं।
पद्म भूषण से सम्मानित
सुनीता विलियम्स को सन् 2008 में भारत सरकार द्वारा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल,नेवी एंड मैरीन कॉर्प एचीवमेंट मेडल, नेवी कमेंडेशन मेडल (2) जैसे कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।