डॉ. आशीष कुमार। एक विशाल सौर तूफान पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है और यह एक इंटरनेट अपोकैलिप्स का कारण बन सकता है। एक्सपर्ट्स दावा कर रहे हैं कि सन 2025 में सूर्य अपनी सोलर साइकिल पूरी करने वाला है, जिसके कारण सौर तूफान पैदा हो सकता है।
1755 से अब तक हो चुका है 25 बार
हालांकि यह असामान्य नहीं है। सन् 1755 से सोलर साइकिल का रिकॉर्ड किया जा रहा है, जब से अब तक यह 25 बार हो चुका है। विशेषज्ञों की घबराहट के पीछे मुख्य कारण सौर चक्रों में तेजी आना है। अब वैज्ञानिकों के अनुमान से अधिक सोलर सनस्पॉट और सौर विस्फोट देखे जा रहे हैं।
ज्ञात है कि सौर तूफान में विद्युत चुंबकीय तरंगें होती हैं, जो पृथ्वी पर विनाशकारी प्रभाव पैदा कर सकती हैं। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक ‘सूर्य के सौर चक्रों को ट्रैक करना और भविष्यवाणी करना सभी प्रकार के अंतरिक्ष मौसम तूफानों की आवृत्ति के आधार पर एक अनुमान लगाया जाता है। इनका प्रयोग रेडियो ब्लैकआउट से लेकर भू-चुंबकीय तूफान और सौर विकिरण तूफान तक का अनुमान लगाने में किया जाता है। प्राप्त आंकड़ों का प्रयोग पृथ्वी पर अंतरिक्ष मौसम के संभावित प्रभाव का अनुमान लगाने के लिए भी किया जाता है।
ग्रिड सिस्टम फेल हो जाने के कारण हो सकता है ब्लैकआउट
सौर तूफान के कारण पृथ्वी का इलेक्ट्रिक ग्रिड सिस्टम फैल हो सकता है। वैज्ञानिक 2025 में आने वाले सौर तूफान की तीव्रता और उसके प्रभावों का आकलन कर रहे हैं।
इंटरनेट अपोकैलिप्स की बढ़ी आशंकाएं
सौर तूफान के कारण इंटरनेट अपोकैलिप्स की संभावनाएं बढ़ गई हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इंटरनेट को कितना नुकसान पहुंचेगा इसका अभी से सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन, सौर तूफान की विधुत चुंबकीय तरंगें इंटरनेट सेवा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। आने वाले सौर तूफान की तीव्रता और होने वाले नुकसान के अनुमानित आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं, जिसके आधार पर किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है।