NASA found methane on distant exoplanet: नासा के वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA हमेशा यूनिवर्स में नई-नई खोजें करती रहती है। इस बीच नासा को दूर के एक एक्सोप्लैनेट पर मीथेन मिला है। इसके बारे में ज्यादा जानकारी इसे बारीकी से देखने के बाद ही मिलेगी। मीथेन बहुत कम समय तक टिकती है, क्योंकि यह ज्यादा देर तक तारों के प्रकाश का सामना नहीं कर सकती। वातावरण में इसकी उपस्थिति बनाए रखने के लिए इसे लगातार बनते रहने यानी पुनःपूर्ति की जरूरत होती है।
संभावना है कि किसी बड़ी चट्टान वाले ग्रह पर मीथेन मौजूद होगा। यह भी कि इसका स्रोत बड़े पैमाने पर और जैविक होगा। धरती पर होने वाली जैविक गतिविधियों से भारी मात्रा में मीथेन का निर्माण होता है। मीथेन हवा से भी हल्की गैस है। नासा ने इस एक्सोप्लैनेट का नाम WASP-80b रखा है।
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सौरमंडल में पाया जाता है मीथेन
WION की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेटाबोलिक रूप से मीथेन बनाना मुश्किल नहीं है। आमतौर पर मीथेन हमारे सौर मंडल में पाया जाता है। हालांकि यह ज्यादा मात्रा में नहीं है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह सब अजैविक है। यह मंगल, चंद्रमा और कुछ क्षुद्रग्रहों पर भी पाया गया है। हाल ही में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा एक्सोप्लैनेट WASP-80b के वातावरण में मीथेन का पता लगाया गया था, जिस गैस का आकार बृहस्पति के आधे इतना बड़ा है।
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WASP-80b एक K-प्रकार के मुख्य अनुक्रम तारे की परिक्रमा कर रहा है, जो लगभग 1.5 बिलियन वर्ष पुराना है। WASP 80 लगभग 162 प्रकाश वर्ष दूर है और WASP-80b एकमात्र एक्सोप्लैनेट है जो अब तक तारे के आसपास पाया गया है। लेखकों ने नासा ब्लॉग पोस्ट में कहा, जैसा कि हम एक्सोप्लैनेट में मीथेन और अन्य गैसें पाते हैं, हम अपने ज्ञान का विस्तार करना जारी रखेंगे कि रसायन विज्ञान और भौतिकी पृथ्वी पर हमारे पास मौजूद परिस्थितियों के विपरीत कैसे काम करते हैं।
जीव पाए जाने की है संभावना?
बता दें कि जैसा की वैज्ञानिक कहते हैं कि कुछ जीव एनर्जी के लिए मीथेन का इस्तेमाल करते हैं। इससे सवाल उठता है कि क्या जहां यह मीथेन गैस पाई गई है वहां भी कोई जीव पाए जाते हैं। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि वहां जीवन की कोई संभावना नहीं है।
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