Science News: डॉ. आशीष कुमार। बचपन में लंबे समय तक मां का स्तनपान (Breast feeding) करने वाले बच्चे बड़े होकर मां का दूध न पीने वाले बच्चों के मुकाबले अधिक प्रतिभाशाली होते हैं। वे जीवन में अपनी प्रतिभा के दम पर अधिक कामयाब होते हैं। यह निष्कर्ष यूके में किए गए एक शोध अध्ययन के आधार पर किया गया है। अध्ययन के निष्कर्षों को ‘आर्काइव्स ऑफ डिजीज इन चाइल्डहुड’ में प्रकाशित किया गया है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (oxford university) के शोधकर्ताओं ने बचपन में मां के दूध का लंबे समय तक सेवन करने के प्रभावों का तुलनात्मक अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने यूके में रहने वाले 2000-2002 के दौरान पैदा हुए 1800 से अधिक व्यक्तियों के उपलब्ध डाटा के आधार पर अध्ययन किया। प्रतिदर्श के रूप में चयनित व्यक्तियों की स्कूली और कॉलेज की शिक्षा के दौरान की उपलब्धियों और प्रदर्शन के अध्ययन के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया। आंकड़ों के आधार पर चयनित व्यक्तिओं की मांओं से भी संपर्क किया गया और बचपन के व्यवहार और परवरिश की जानकारी ली गई।
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रिजल्ट में पाया गया कि जिन व्यक्तियों ने बचपन में स्तनपान नहीं किया था, उनका गणित, विज्ञान आदि कठिन विषयों में प्रदर्शन बचपन में लंबे समय तक स्तनपान करने वाले बच्चों के मुकाबले कमजोर रहा था। शोधकर्ताओं (Science News) के चयनित प्रतिदर्श (selective sample) में 33 फीसदी बच्चों ने बचपन में स्तनपान नहीं किया था। जबकि, 67 फीसदी व्यक्तियों ने अलग-अलग अवधि के लिए बचपन में अपनी मांओं का स्तनपान किया था।
इन व्यक्तियों में, जिन्होंने 12 माह या इससे अधिक स्तनपान किया था, उनकी गणित, विज्ञान जैसे विषयों में प्रदर्शन अन्यों के मुकाबले कहीं बेहतर था। उनका खेल से लेकर अन्य गतिविधियों में भी प्रदर्शन शानदार रहा। वे जीवन के विभिन्न पहलुओं में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि स्तनपान बच्चे के शारीरिक, मानसिक और भावात्मक विकास में अहम भूमिका निभाता है।
(लेखक इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टडीज (ISOMES) में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं)