Saturday, 20 April, 2024

---विज्ञापन---

आपको मच्छर क्यों काटते हैं? वैज्ञानिकों ने रिसर्च में ढूंढा इसका सीक्रेट

Science News: कुछ लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें मच्छर बहुत ज्यादा काटते हैं। इसके विपरीत कई लोग कहते हैं कि उन्हें मच्छर कम काटते हैं। हाल ही हुए एक वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि मच्छरों के काटने का सीधा संबंध व्यक्ति के शरीर से आने वाली गंध से होता है। वैज्ञानिकों के […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Aug 30, 2023 19:44
Share :
Science news, science news hindi, science news in hindi, Health news,

Science News: कुछ लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें मच्छर बहुत ज्यादा काटते हैं। इसके विपरीत कई लोग कहते हैं कि उन्हें मच्छर कम काटते हैं। हाल ही हुए एक वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि मच्छरों के काटने का सीधा संबंध व्यक्ति के शरीर से आने वाली गंध से होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार मच्छर कुछ खास रसायनों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं जबकि शरीर से निकलने वाले कुछ केमिकल्स से वे दूर भागते हैं। इस रिसर्च पेपर को करंट बायोलॉजी जर्नल में पब्लिश किया गया है।

मच्छरों पर की गई रिसर्च, अलग-अलग केमिकल्स का किया प्रयोग

जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और जॉन्स हॉपकिन्स मलेरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट में मोलेक्यूलर माइक्रोबॉयोलाजी एंड इम्यूनोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कोनोर मैकमेनिमन ने कहा कि हम मच्छरों पर रिसर्च कर रहे थे कि किस तरह उन्हें कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए 20 गुणा 20 वर्ग मीटर के क्षेत्र में सैंकड़ों मच्छरों को फ्री छोड़ा गया। इस दौरान वहां पर एक डमी को सोने की मुद्रा में लेटाया गया। साथ ही उस डमी पर शरीर से निकलने वाले अलग-अलग केमिकल्स को स्प्रे किया गया।

यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों ने बनाया दुनिया का पहला 3-पैरेंट वाला Super Kid, कभी नहीं होंगी ये बीमारियां

शोधकर्ता 66 फीट (20 मीटर) की दूरी पर गंधों को ट्रैक करने की कीड़ों की क्षमता का निरीक्षण करने और रात 10 बजे के बीच उनके सबसे सक्रिय घंटों के दौरान उनका अध्ययन करने के लिए विभिन्न मनुष्यों में मच्छरों की गंध वरीयताओं की तुलना करना चाहते थे। इन सभी बक्सों पर टिक करने के लिए, शोधकर्ताओं ने एक स्केटिंग रिंक के आकार की एक स्क्रीनिंग फेसिलिटी बनाई। स्क्रीनिंग फेसिलिटी एरिया को डॉट करते हुए छह स्क्रीन वाले टेंट थे जहां रिसर्च (Science News) में शामिल डमीज को सुलाया गया। डमीज की श्वांस और शरीर की अलग-अलग गंध को वहां पर रखा गया। साथ ही माहौल को रियलिस्टिक बनाने के लिए फेसिलिटी एरिया में कार्बन डाइऑक्साइड को भी छोड़ा गया।

इन केमिकल्स से दूर भागते हैं मच्छर

रिसर्च में पता चला कि मच्छरों को सबसे ज्यादा एयरबोर्न कार्बोक्जिलिक एसिड ने आकर्षित किया जबकि यूकेलिप्टोल नामक केमिकल और नीलगिरी वृक्ष से प्राप्त होने वाले केमिकल्स से मच्छर दूर ही रहे। आपको बता दें कि हमारी स्किन पर रहने वाले परजीवी बैक्टिरया मच्छरों को आकर्षित करने वाले एयरबोर्न कार्बोक्जिलिक एसिड का प्रचुर मात्रा में निर्माण करते हैं। हालांकि हम इसकी गंध को नहीं पहचान पाते हैं।

यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों को मिला पॉलिथीन खाने वाला बैक्टीरिया, जल्द खत्म होगी प्लास्टिक वेस्ट की समस्या

शोध का नेतृत्व कर रहे वैज्ञानिक डॉ. एडगर सिमुलुंडु ने कहा कि रिसर्च में सामने आए नतीजे वास्तव में चौंकाने वाले थे। उन्होंने कहा कि अलग-अलग लोगों के शरीर की गंध में मौजूद रसायनों और उन गंधों के प्रति मच्छरों के आकर्षण के बीच संबंध खोजना “बहुत दिलचस्प और रोमांचक” था।

मलेरिया व अन्य मच्छरजनित बीमारियों को रोका जा सकेगा (Science News)

हॉवर्ड ह्यूजेस मेडिकल इंस्टीट्यूट के एक न्यूरोबायोलॉजिस्ट और मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. लेस्ली वोसल ने भी इस अध्ययन को लेकर अपना उत्साह जाहिर किया। उन्होंने कहा, “यह एक सुपर रोमांचक अध्ययन है। यह पहली बार है कि प्रयोगशाला के बाहर इस पैमाने पर इस प्रकार का प्रयोग किया गया है। हमें इस बारे में कुछ अच्छे संकेत देता है कि मच्छर हमें शिकार करने के लिए क्या उपयोग कर रहे हैं, और क्या समझ रहे हैं। अर्थात्, हमारे लिए अगले कदम उठाने के लिए आवश्यक है।” इस अध्ययन के नतीजों के आधार पर मच्छरों से होने वाली मलेरिया, डेंगू सहित अन्य बीमारियों की रोकथाम की जा सकेगी।

First published on: Aug 30, 2023 07:42 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें