---विज्ञापन---

अब बांस से बनेगा Eco-Friendly प्लास्टिक, IIT टीम डवलप करेगी नई टेक्नीक

Science News: आईआईटी, गुवाहाटी के रिसर्चर पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ प्लास्टिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। आईआईटी गुवाहाटी पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ प्लास्टिक के लिए कच्चे माल के रूप में बांस का इस्तेमाल कर रहा है। इसके लिए आईआईटी गुवाहाटी ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना भी की है। आईआईटी का मानना है […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Jun 12, 2023 19:02
Share :
biodegradable plastic, IIT, indian institute of technology, science news, science news hindi

Science News: आईआईटी, गुवाहाटी के रिसर्चर पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ प्लास्टिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। आईआईटी गुवाहाटी पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ प्लास्टिक के लिए कच्चे माल के रूप में बांस का इस्तेमाल कर रहा है। इसके लिए आईआईटी गुवाहाटी ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना भी की है। आईआईटी का मानना है कि मौजूदा प्लास्टिक से जुड़ी पर्यावरणीय चिंताओं के परिणामस्वरूप ऐसे विकल्पों को विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है जो लागत व प्रदर्शन में वर्तमान प्लास्टिक जैसे या उससे बेहतर हों।

संस्थान में पहला बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक प्रोडक्शन पायलट प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट में विभिन्न बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक उत्पादों जैसे कि कंपोस्टेबल कटलरी, कैरी बैग, प्लास्टिक कंटेनर और ग्लास आदि के लिए कई प्रोसेसिंग सुविधाएं हैं। इसमें कस्टमाइज्ड फिल्म पैकेजिंग लाइन, इंजेक्शन मोल्डिंग, कास्ट शीट लाइन और थर्मोफॉमिर्ंग उत्पाद लाइन का उपयोग होता हैं। यह पूरे देश में उद्योगों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए व उत्पादन को विकसित करने के लिए प्रारंभिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करेंगी।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: क्या है लकड़ी का उपग्रह और ये कैसे अंतरिक्ष के कचरे की समस्या से निजात दिलाएगा?

कच्चे माल के रूप में होगा बांस का प्रयोग

रिसर्च एंड डेवलपमेंट के डीन प्रो. विमल कटियार ने बताया कि हम आईआईटी गुवाहाटी में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक और संबंधित उत्पादों के उत्पादन के लिए मुख्य कच्चे माल के रूप में बांस का उपयोग करने का लक्ष्य बना रहे हैं, और एक बार इसे अपनाने के बाद, यह क्षेत्र में महत्वपूर्ण औद्योगीकरण को बढ़ावा देगा। हमने कंपोस्टेबल प्लास्टिक से संबंधित विभिन्न तकनीकों पर काम किया है और ये तकनीकें (science news) उद्योगों के लिए खुली हैं।

---विज्ञापन---

बायोप्लास्टिक्स पर सस्टेनेबल मैटेरियल्स ट्रांसलेशनल फैसिलिटी के लिए आईआईटी गुवाहाटी और एनआरएल के बीच साझेदारी की गई है। यह अपनी तरह का पहला शैक्षणिक-औद्योगिक सहयोग भी है। यह उद्यम अपशिष्ट और मध्यवर्ती सामग्री का उपयोग करके बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के उत्पादन के साथ-साथ अनुसंधान एवं विकास कार्य को बढ़ावा देगा।

आईआईटी गुवाहाटी के कार्यवाहक निदेशक, प्रो. परमेश्वर के. अय्यर ने कहा, उद्योग समर्थन के माध्यम से बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के क्षेत्र में इस तरह की समग्र तकनीकी प्रगति देश में अपनी तरह की एक अनूठी पहल है। हम आशान्वित हैं कि प्लास्टिक क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों को और तेज करने के लिए उपलब्ध ज्ञान आधार का उपयोग करेंगे, क्योंकि वर्तमान प्लास्टिक समस्या को बिना किसी देरी के संबोधित करने की आवश्यकता है।

HISTORY

Written By

Sunil Sharma

First published on: Jun 12, 2023 07:00 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें