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वैज्ञानिकों ने ढूंढा दुर्लभतम तारा, करोड़ों में एक होता है, इसकी खूबियां हैरान कर देंगी

Science News: एस्ट्रोनोमर्स ने हाल ही में हमारी आकाशगंगा मौजूद एक बहुत ही अद्भुत तारे का पता लगाया है। यह एक व्हाइट ड्वार्फ पल्सर स्टार है और यह तारा वैज्ञानिकों के लिए बहुत ही दुर्लभ माना जाता है और इसे ढूंढने के लिए उन्हें काफी प्रयास करने पड़े हैं। यह इतना अधिक दुर्लभ है कि […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Aug 13, 2023 14:28
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Science News: एस्ट्रोनोमर्स ने हाल ही में हमारी आकाशगंगा मौजूद एक बहुत ही अद्भुत तारे का पता लगाया है। यह एक व्हाइट ड्वार्फ पल्सर स्टार है और यह तारा वैज्ञानिकों के लिए बहुत ही दुर्लभ माना जाता है और इसे ढूंढने के लिए उन्हें काफी प्रयास करने पड़े हैं। यह इतना अधिक दुर्लभ है कि वैज्ञानिकों के अनुसार अब तक पूरी मिल्की वे गैलेक्सी में ऐसे केवल दो ही सितारे ढूंढे गए हैं जबकि इस आकाशगंगा में अरबों तारे होने का अनुमान है।

इस तारे को J1912-4410 नाम दिया गया है। नया ढूंढा गया तारा पृथ्वी से लगभग 773 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है और हाल ही में यूनाइटेड किंगडम की वार्विक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा ढूंढा गया है। इस खोज से वैज्ञानिकों को व्हाइट ड्वार्फ स्टार्स के चुंबकीय क्षेत्र के बारे में जानने में सहायता मिलेगी। इससे अंतरिक्ष के अनजान रहस्यों पर से भी पर्दा हटेगा और काफी कुछ नया सीखने को मिलेगा।

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यह भी पढ़ें: Nebula में जन्म लेते हैं सूरज जैसे हजारों-लाखों सितारे, गैस और धूल से होता है इनका जन्म

ऐसे सितारों का चुंबकीय क्षेत्र बनने का प्रोसेस भी काफी हद तक पृथ्वी से ही मिलता-जुलता है। हालांकि पल्सर स्टार्स का चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी की तुलना में करोड़ों अरबों गुणा अधिक शक्तिशाली होता है। यहां तक कि इसका चुंबकीय क्षेत्र हमारे सूर्य से भी लगभग दस लाख गुणा अधिक शक्तिशाली है। यदि इससे अधिक वजन हो तो ऐसे सितारे मृत्यु बाद ब्लैक होल में बदल जाते हैं। इसके लिए चन्द्रशेखर लिमिट भी बताई गई है।

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क्या होते हैं व्हाइट ड्वार्फ सितारे (Science News)

वास्तव में ये तारे नहीं होते बल्कि तारों की मृत्यु के बाद उनके बचे हुए अवशेष होते हैं जो किन्हीं विशेष परिस्थितियों में पल्सर बन जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार यदि किसी तारे का कुल वजन हमारे सूर्य से लगभग आठ गुणा या इससे कम होता है तो वह मृत्यु के बार व्हाइट ड्वार्फ स्टार बन जाता है। जबकि आठ गुणा से अधिक वजन होने पर वह न्यूट्रॉन स्टार में कन्वर्ट हो जाता है।

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Written By

Sunil Sharma

First published on: Aug 13, 2023 01:15 PM

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