Russia’s Luna-25 NASA Probe: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) रूस के मून मिशन लूना-25 की जांच कर रही है। इस कड़ी में नासा ने उस जगह की तस्वीरें दुनिया के सामने साझा की है, जहां लूना-25 क्रैश हो गया था। जिस जगह उपग्रह क्रैश हुआ, वहां 10 मीटर चौड़ा गड्ढा हो गया है। तस्वीर में चंद्रमा की सतह पर गड्ढे जैसी आकृति दिख रही है।
दरअसल, भारत के चंद्रयान-3 मून मिशन के बीच रूस ने 47 साल बाद लूना-25 पिछले महीने लॉन्च किया था। लेकिन 19 अगस्त को टेक्निकल गड़बड़ी के चलते लूना-25 से संपर्क टूट गया और चंद्रमा की सतह से टकराकर टूट गया था। लूना-25 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला था।
चंद्रमा की सतह पर बना गड्ढा
अमेरिकी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) लूना-25 के क्रैश लैंडिंग की जांच कर रहा है। इसके लूनर रिकोनाइसेंस ऑर्बिटर (LRO) अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की सतह पर एक नया गड्ढा देखा। जांच के बाद यह निष्कर्ष निकला कि यह संभवतः रूस के लूना-25 की क्रैश लैंडिंग के चलते बना है।
नासा ने कहा कि नया गड्ढा लगभग 10 मीटर व्यास का है। चूंकि यह नया गड्ढा लूना-25 अनुमानित प्रभाव बिंदु के करीब है, एलआरओ टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि यह प्राकृतिक प्रभाव के बजाय उस मिशन से होने की संभावना है। दुर्घटना के बाद, मॉस्को ने कहा कि लूना-25 के नुकसान के कारणों की जांच के लिए एक विशेष अंतर-विभागीय आयोग का गठन किया गया था।
NASA moon orbiter spots crash site of Russia's failed Luna-25 lander (photos) https://t.co/YeGtIbXu6U pic.twitter.com/m7CHyeGL2j
— SPACE.com (@SPACEdotcom) August 31, 2023
लूना-25 के क्रैश होने के बाद चंद्रयान-3 ने की सफल लैंडिंग
लूना-25 की क्रैश लैंडिंग के चार दिन बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कराई थी। दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत इकलौता देश है। वर्तमान में चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान खनिज, रसायन, भूकंप आदि वैज्ञानिक जांच कर रहा है।
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