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Mystery: हिमालय में हिममानव के होने के कई दावे, लेकिन सच क्या है ? जानें

डॉ. आशीष कुमार। हिमालय के रहस्यमयी जीव हिममानव के अस्तिस्व के बारे में तमाम तरह के दावे किए जाते हैं। स्थानीय लोग हिममानव को येति के नाम से भी जानते हैं। यह मानव आकृतिनुमा ऐसा प्राणी है, जिसके अस्तित्व के ठोस प्रमाण तो नहीं मिले हैं, लेकिन कई पर्वतारोहियों और स्थानीय लोगों ने उसे देखने […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Apr 27, 2023 16:21
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Mystery of yeti

डॉ. आशीष कुमार। हिमालय के रहस्यमयी जीव हिममानव के अस्तिस्व के बारे में तमाम तरह के दावे किए जाते हैं। स्थानीय लोग हिममानव को येति के नाम से भी जानते हैं। यह मानव आकृतिनुमा ऐसा प्राणी है, जिसके अस्तित्व के ठोस प्रमाण तो नहीं मिले हैं, लेकिन कई पर्वतारोहियों और स्थानीय लोगों ने उसे देखने के दावे किए हैं।

हाल में भारतीय सेना के जवानों ने हिमालय में हिममानव के देखे जाने का दावा किया था। 29 अप्रैल, 2019 को जिसकी तस्वीरों को भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक टिवटर हैंडल से शेयर किया था। सेना के जवानों द्वारा किए गए गए दावे की जब जांच की गई, तो बर्फ में किसी विशाल मानव के पैरों के निशान मिले। पैरों की लंबाई करीब 32 इंच और चौड़ाई 15 इंच थी। ये विशाल पैरों के निशान 9 अप्रैल, 2019 को सेना के मकालू बेस कैंप के पास देखे गए थे। इस रहस्यमयी प्राणी को मकालू बरून नेशनल पार्क में पहले भी कई बार देखे जाने के दावे किए गए हैं।

हिममानव येति को देखने के दावे
येति के आकृति और आकार को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। इस मामले में सभी की एक राय नहीं है। तिब्बत और लद्दाख के बौद्ध मठों के साधकों ने भी समय-समय पर हिममानव येति को देखने का दावा किया है। लेकिन ठोस वैज्ञानिक तथ्य अभी तक किसी को प्राप्त नहीं हुए हैं।

सिकंदर की भी थी येति देखने की इच्छा
हिममानव की कहानियों का इतिहास पुराना है। कहा जाता है कि जब सिकंदर भारत विजय के लिए निकला था, तो उसने हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र के पास पहुंचकर येति को देखने की इच्छा जाहिर की थी। उसने येति के बारे में किंवदंतियां सुन रखी थीं। हालांकि, उसकी येति देखने की इच्छा कभी पूरी नहीं हो सकी।

हॉजसन ने दिया वनमानुश नाम
सन 1832 में पुरातत्वविद जेम्स प्रिंसेप द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘जर्नल ऑफ एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल’ में एक पर्वतारोही का अनुभव प्रकाशित किया। पर्वतारोही का नाम बीएच हॉजसन था। वे उत्तरी नेपाल में हिमालय ट्रेकिंग कर रहे थे, उन्होंने और उनके स्थानीय गाइडों ने कद में 9-10 फीट लंबे और भूरे बाल वाले विशेष प्राणी को देखने का दावा किया था। हॉजसन ने उसे वनमानुश नाम दिया था।

खोजकर्ताओं के लिए कौतूहल का विषय
इसी प्रकार ब्रिटिश फोटाग्राफर एरिक सिप्टन ने 1991 में हिमालय के नेपाल क्षेत्र में येति को देखने का दावा किया था। उन्होंने येति के पैरों के निशानों की तस्वीरी लीं, जो उस समय ब्रिटेन के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित हुईं। जिसके बाद रहस्यवाद के खोजकर्ताओं के बीच में येति चर्चा का विषय बन गया।

नेपाली वैज्ञानिक मधु क्षेत्री के दावे को स्थानीय लोगों ने नकारा
ऐसी ही मामला नेपाल का है। नेपाल के स्थानीय लोगों ने सन 2022 में एक येति को देखने का दावा किया था। लोगों के दावों की जांच करने का जिम्मा नेपाल के वैज्ञानिक मधु क्षेत्री ने लिया। स्थानीय लोगों ने उनको उस जीव के पैरों के निशान दिखाने के अलावा बालों के नमूने भी दिए। वैज्ञानिक मधु क्षेत्री ने स्थानीय लोगों के दावे पर शोध करते हुए कहा कि यह तथाकथित हिममानव एक तिब्बत का भूरा भालू है। भालू भी सीधा खड़ा होकर दो पैरों पर चल सकता है और उसके शरीर पर लंबे भूरे बाल पाए जाते हैं।

हालांकि मधु क्षेत्री के विपरीत स्थानीय लोगों का मानना था कि उन्हें भालू और हिममानव में अंतर पता है, जो उन्होंने देखा वह भालू नहीं था, बल्कि येति था। हिमालय में रहने वाली मूल जातियां येति को अपनी सभ्यताओं का अहम हिस्सा मानती हैं। तमाम दावों और निष्कर्ष के बावजूद हिममानव आज भी रहस्य बना हुआ है। वास्तविकता का पता लगाने के लिए इस क्षेत्र में गंभीर अनुसंधान की आवश्यकता है।

(लेखक इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टडीज (ISOMES) में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं)

First published on: Apr 27, 2023 04:21 PM

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