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Lab-Grown Fruits: बिना बीजों के भी उगेंगे पेड़-पौधे, फलों के छिलकों पर हो रहा है ये शोध

Lab-Grown Fruits: जड़ और बीजों की मदद से तो आपने पेड़-पौधों को उगते हुए देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोच है कि छिलकों से भी फलों के पौधे उगाए जा सकते हैं? अगर नहीं, तो अब आपको ऐसा कुछ जल्द ही देखने को मिल सकता है। दरअसल, वैश्विक खाद्य संकट और खाद्य सुरक्षा से […]

Edited By : Simran Singh | Updated: Sep 8, 2023 10:52
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Lab-Grown Fruits: जड़ और बीजों की मदद से तो आपने पेड़-पौधों को उगते हुए देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोच है कि छिलकों से भी फलों के पौधे उगाए जा सकते हैं? अगर नहीं, तो अब आपको ऐसा कुछ जल्द ही देखने को मिल सकता है। दरअसल, वैश्विक खाद्य संकट और खाद्य सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने नया तरीका खोजा है। न्यूजीलैंड में शोधकर्ताओं की ओर से इस पर काम किया जा रहा है। ये खबर उन लोगों के लिए भी  बेहद खास है जो रूफ टॉप गार्डिंग और किचन गार्डिंग का शौक रखते हैं।

नए तरीके से फल विकसित करने का चल रहा है शोध

न्यूजीलैंड में वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगशाला में विकसित फल पर शोध किया जा रहा है। शोधकर्ता और वैज्ञानिक पौधों की कोशिकाओं से फल के ऊतक विकसित करने की उम्मीद कर रहे हैं। ऐसे में उनका कहना है कि वो इस शोध में एक दिन सफल होंगे और फल जैसे स्वाद, गंध और अहसास वाले फलों को विकसित कर पाएंगे।

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Lab-Grown Fruit के नाम से चल रहा है शोध

न्यूजीलैंड में खाद्य सुरक्षा से संबंधित बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए शोधकर्ताओं एक नया कॉन्सेप्ट लेकर आ रहे हैं, जिसे प्रयोगशाला में उगाए गए फल यानी लैब ग्रोन फ्रूट (Lab-Grown Fruit) कहा जा रहा है। अगर शोधकर्ता लैब ग्रोन फ्रूट शोध में कामयाब रहे तो वास्तव में इससे दुनिया भर की सरकारों को बढ़ती खाद्य असुरक्षा से निपटने में मदद मिल सकेगी।

भविष्य पर ध्यान रखते हुए किया जा रहा है शोध

सरकार समर्थित प्लांट एंड फूड रिसर्च में फूड बाय डिजाइन कार्यक्रम के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. बेन शॉन का कहना है कि “यहाँ न्यूज़ीलैंड में, हम पारंपरिक बागवानी फसलें उगाने में अच्छे हैं,” आगे कहते हैं, “लेकिन भविष्य पर ध्यान दे रहे हैं, जनसंख्या वृद्धि, बढ़ते शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के साथ दुनिया में बहुत सारे बदलाव आ रहे हैं।”

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भोजन की बर्बादी कम करने में मिलेगी मदद

विशेषज्ञों का कहना है कि ये कार्यक्रम अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है। लैब ग्रोन फ्रूट के तहत फलों के सिर्फ खाने योग्य हिस्से ही उगाए जाएंगे। आमतौर पर लोग फलों के कुछ हिस्सों को त्याग दिया करते हैं, अब इनसे से फल को विकसित किया जाएगा। ऐसे में लोगों को भोजन की बर्बादी कम करने में भी सहायता मिलेगी। हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि सेब का कोर या संतरे का छिलके से लैब फ्रूट का विकास नहीं हो पाएगा।

कौन से फल लैब में उगाए जाएंगे?

आपको जानकारी के लिए बता दें कि पिछले 18 महीने से पौधा एवं खाद्य अनुसंधान कार्यक्रम चल रहा है। शोध के मुताबितक प्रयोगशालाओं में सेब, ब्लूबेरी, चेरी, आड़ू, नेक्टराइन, अंगूर और फीजोआ जैसे फल उगा सकते हैं। फिलहाल, इस तरह की तकनीक को विकसित करने में अभी भी कई साल लग सकते हैं। शोध में किसी ऐसी चीज की कटाई के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करके फल विकसित किया जा सकेगा जो पौष्टिक होने के साथ-साथ लोगों को खाने में पसंद भी आ सके।

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Simran Singh

First published on: Sep 08, 2023 10:51 AM

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