Luna 25 Crashes on Moon: पिछले महीने 14 जुलाई को लॉन्च भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-3 तेजी से सफलता की ओर बढ़ रहा है। करोड़ों भारतीयों के साथ इसरो के वैज्ञानिकों की नजरें भी आगामी 23 अगस्त पर हैं। दरअसल, 23 अगस्त की शाम 6 बजे के करीब चंद्रयान-3 मिशन के तहत अलग हुआ विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
इस बीच रूस के लिए रविवार को बुरी खबर आई, क्योंकि चांद पर भे जा गया लूना-25 मिशन से रूस की सरकारी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस संपर्क टूट गया। इस बाबत खुद रूस ने यह जानकारी मुहैया कराई कि शनिवार दोपहर में उसका लूना-25 के साथ संपर्क टूट गया था। यहां हम बता रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो रूस का लूना-25 मिशन फेल हुआ।
1. अनजान कक्षा में चला गया था स्पेसक्राफ्ट
इस असफलता के बाद रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने बयान में कहा है कि स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह से टकराने के साथ ही यह क्रैश हो गया। इससे पहले यह स्पेसक्राफ्ट एक अनजान और अपरिचित कक्षा में प्रवेश कर गया था। इसके बाद से ही दिक्कत आने लगी थी।
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस की मानें तो क्रैश होने से पहले ही लूना-25 मिशन अनियंत्रित हो गया था। इसके चलते वह फंस गया और अपनी स्थिति से बाहर ही नहीं निकल सका। रूस के लूना-25 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी। बताया जा रहा है कि कम्युनिकेशन ब्लॉक होने से यह मानवरहित एयरक्राफ्ट लैंडिंग में असफल हो गया। इसकी गति बहुत और इसलिए लूना-25 अपनी लैंडिंग-पूर्व कक्षा में चला गया था।
वैज्ञानिकों की मानें तो तकनीखी खामी के चलते भी इसके क्रेश होने आशंका है। बताया जा रहा है कि लूना-25 के साथ कई घंटे तक कोई संपर्क नहीं हो पाया था। बताया जा रहा है कि लैंडिंग से कुछ घंटे पहले ही इसके सॉफ्टवेयर में कमी आ गई होगी, जिसकी वजह से यह क्रैश हो गया।