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2 सितंबर को सूर्य की यात्रा पर निकलेगा Aditya-L1, ऐसा करने वाला अमरीका के बाद दूसरा देश होगा भारत

ISRO अपने महत्वाकांक्षी मिशन Chandrayaan 3 की सफलता के तुरंत बाद नए मिशन Aditya-L1 की लॉन्चिंग की तैयारी में जुट गया है। इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सितंबर माह के पहले सप्ताह में आदित्य एल-1 उड़ान भरेगा। यह सूर्य के नजदीक जाकर सूर्य के वातावरण का अध्ययन करेगा। […]

Author Published By : Sunil Sharma Updated: Aug 26, 2023 09:24
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ISRO अपने महत्वाकांक्षी मिशन Chandrayaan 3 की सफलता के तुरंत बाद नए मिशन Aditya-L1 की लॉन्चिंग की तैयारी में जुट गया है। इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सितंबर माह के पहले सप्ताह में आदित्य एल-1 उड़ान भरेगा। यह सूर्य के नजदीक जाकर सूर्य के वातावरण का अध्ययन करेगा।

2 सितंबर को निकलेगा 120 दिनों की यात्रा पर

इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आदित्य एल-1 यान को 2 सितंबर को भारत के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इस उपग्रह को सूर्य-पृथ्वी के बीच लेग्रेंज प्वाइंट (Lagrange point 1 अथवा L1) पर स्थापित किया जाएगा। यह बिंदु पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है और यहां तक पहुंचने में आदित्य एल-1 को लगभग 120 दिनों का समय लगेगा।

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Aditya-L1 के साथ जाएंगे 7 पेलोड्स

संस्कृत में सूर्य को आदित्य कहा गया है। इसी के नाम पर इसरो के नए सैटेलाइट का नाम रखा गया है। यह एक कोरोनाग्राफी सैटेलाइट है जो सूर्य की परिक्रमा करते हुए उसके वातावरण की गहन जांच करेगा। सूर्य का विस्तृत अध्ययन करने के लिए उपग्रह के साथ 7 पेलोड्स भेजे जा रहे हैं। इनकी सहायता से सूर्य के प्रकाश मंडल तथा क्रोमोस्फेयर से लेकर उसके बाहरी कोरोना तक का अध्ययन किया जा सकेगा।

Aditya-L1 सूर्य का 5 वर्षों तक करेगा अध्ययन

भारत का यह अतिमहत्वाकांक्षी सैटेलाइट लगभग 5 वर्षों तक अपनी कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हुए सूर्य के जुड़ा डेटा उपलब्ध कराएगा। सैटेलाइट के जरिए इसरो सूर्य की कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर एक्टिविटीज के बारे में रिसर्च करेगा। इनके अलावा सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र तथा उसके निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पार्टिकल्स पर भी रिसर्च की जाएगी।

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सूर्य का अध्ययन करने वाला विश्व का दूसरा देश होगा भारत

अभी सूर्य के अध्ययन के लिए कई उपग्रह भेजे गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा उपग्रह NASA के द्वारा भेजे गए हैं। नासा के बाद यूरोपियन स्पेस एजेंसी और जर्मन स्पेस एजेंसी ने भी नासा के सहयोग से कई सैटेलाइट्स सूर्य के अध्ययन के लिए भेजे हैं। यदि स्वतंत्र रूप से देखा जाए तो अमरीका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश होगा जो सूर्य के अध्ययन के लिए अपना स्वतंत्र सैटेलाइट भेजेगा।

बॉलीवुड फिल्मों से भी कम बजट में बना है

इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आदित्य एल-1 उपग्रह को महज 378 करोड़ रुपए में बनाया गया है जो किसी भी बॉलीवुड मूवी के बजट से भी बहुत कम है। हाल ही रिलीज हुई आदिपुरुष फिल्म का बजट लगभग 700 करोड़ रुपए था। जबकि बाहुबली सीरिज की दोनों फिल्मों का कुल बजट 500 करोड़ रुपए था। इस तरह यदि आदित्य एल-1 की एंटरटेनमेंट इंड़स्ट्री से तुलना की जाए तो हॉलीवुड तो दूर की बात है, बॉलीवुड फिल्मों से भी कम बजट से इसे तैयार किया गया है।

First published on: Aug 26, 2023 08:31 AM

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