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चंद्रमा की डार्क साइट में क्या रहस्य छुपे हुए हैं? चंद्रमा पर एलियन बस्ती होने का क्या है सच?

Moon Dark Side: डॉ. आशीष कुमार। चंद्रमा ने हमेशा से ही मानव जाति को अपनी ओर आकर्षित किया है। चंद्रमा के प्रकाशित भाग को हम पृथ्वी से देख सकते हैं। इसका एक भाग सदैव अंधकार में बना रहता है, इसे डार्क साइट या फार साइट कहा जाता है। इस लेख में हम चंद्रमा के अंधेरे […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Jul 13, 2023 12:01
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Image credit: Rawpixel

Moon Dark Side: डॉ. आशीष कुमार। चंद्रमा ने हमेशा से ही मानव जाति को अपनी ओर आकर्षित किया है। चंद्रमा के प्रकाशित भाग को हम पृथ्वी से देख सकते हैं। इसका एक भाग सदैव अंधकार में बना रहता है, इसे डार्क साइट या फार साइट कहा जाता है। इस लेख में हम चंद्रमा के अंधेरे क्षेत्र के बारे में बात करेंगे। साथ ही, इस क्षेत्र के अनुसंधान में अंतरिक्ष यात्रियों के सामने आने वाली चुनौतियों और हो चुकी खोजों को उजागर करेंगे। इस लेख के माध्यम से चंद्रमा की एक मनोरम यात्रा शुरू करते हैं और अपने आकाशीय पड़ोसी के अंधेरे क्षेत्र में छिपे रहस्यों को उजागर करते हैं।

रहस्यों का पिटारा है चन्द्रमा का अँधेरा क्षेत्र (Dark region of the moon is a box of secrets)

चंद्रमा के अंधेरे क्षेत्र को विपरीत क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है। यह चंद्रमा के गोलार्ध के उस भाग को संदर्भित करता है जो स्थायी रूप से पृथ्वी से सदैव विपरीत भाग में रहता है। मान्यता के विपरीत, ‘अंधेरा’ शब्द प्रकाश की पूर्ण अनुपस्थिति का अर्थ नहीं है, बल्कि पृथ्वी पर हमारे सुविधाजनक बिंदु से दृश्यता की कमी है। यह क्षेत्र अब तक रहस्य बना हुआ है, तमाम अंतरिक्ष अन्वेषण और तकनीकी प्रगति के बावजूद इस गूढ़ क्षेत्र के बारे में हमारे पास अधिक जानकारी नहीं हैं।

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लूनर मिशन, एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Lunar Mission: A Historical Perspective)

चंद्रमा के अनुसंधान के लिए इतिहास में कई उल्लेखनीय चंद्र मिशन भेजे गए हैं। अपोलो कार्यक्रम, जिसका नेतृत्व नासा ने किया था, ने 1969 और 1972 के बीच चंद्रमा की धरती पर अंतरिक्ष यात्रियों को सफलतापूर्वक उतारा।

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अंधेरे क्षेत्र के अनुसंधान में चुनौतियां (Challenges in research of dark side of moon)

चंद्रमा के अंधेरे क्षेत्र में अनुसंधान करना किसी चुनौती से कम नहीं है। पृथ्वी के साथ सीधे संचार स्थापित करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है, क्योंकि चंद्रमा की डार्क साइट से सीधे संचार संकेत प्राप्त नहीं किया जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त क्रेटर और पहाड़ी क्षेत्रों में उपकरणों को संचार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन बाधाओं को पार करने के लिए योजना, अभिनव तकनीक और सटीक निष्पादन की आवश्यकता होती है।

संचार की बाधाओं को पार करना (communication barriers on moon)

संचार बाधा से निपटने के लिए, अंतरिक्ष एजेंसियों ने चंद्रमा की कक्षा में स्थित उपग्रहों तकनीकी रूप उन्नत किया है। ये उपग्रह मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं, अंधेरे क्षेत्र में स्थित अनुसंधान करने वाले रोवर से संकेत प्राप्त करते हैं और उन्हें पृथ्वी पर वापस संचारित करते हैं। इस सफलता ने चंद्रमा के दूर के हिस्से का पता लगाने और संवाद-संचार करने की हमारी क्षमता में क्रांति ला दी है।

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फार साइड पर लैंडिंग द चांग ई 4 मिशन (Landing on the Far Side: The Chang E 4 Mission )

चंद्र अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण घटना जनवरी 2019 में हुई, जब चीन का चांग ई 4 मिशन चंद्रमा की फार साइट पर सफलतापूर्वक उतरा था। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में चंद्रमा की डार्क साइट पर रोवर सॉफ्ट की लैंडिंग और तैनाती शामिल थी। इस मिशन ने इस अनछुए क्षेत्र की भूविज्ञान और संरचना के बारे में मूल्यवान जानकारी जुटाईं।

चंद्र अन्वेषण के नतीजों का उपयोग (use of the results of lunar exploration)

चंद्रमा के अंधेरे क्षेत्र के अनुसंधान ने अंतरिक्ष खोजों को नया आयाम दिया है। चंद्रमा के नमूनों और विभिन्न मिशनों से एकत्रित आंकड़ों का विश्लेषण करके वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के इतिहास, गठन और विकास की गहरी समझ हासिल की है। उन्होंने प्राचीन ज्वालामुखी, उनके प्रभाव और चंद्रमा पर मौजूद संभावित संसाधनों की खोज की है जिन्हें भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

चंद्र सतह का अध्ययन (study of the lunar surface)

रोबोटिक मिशनों ने चंद्रमा के डार्क साइट की सतह का विस्तृत अध्ययन करने में सक्षम बनाया है। अंतरिक्ष यान और रोवर्स पर लगे उपकरणों ने उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों को कैप्चर किया है, स्थलाकृति को मैप किया है, और रेगोलिथ की रासायनिक संरचना का विश्लेषण किया है। इन निष्कर्षों ने भूगर्भीय प्रक्रियाओं और हीलियम-3 जैसे मूल्यवान तत्वों की मौजूदगी का पता चला है, जिसका उपयोग भविष्य में ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा सकता है।

अंधेरे क्षेत्र की भूवैज्ञानिक विशेषताएं (Geological Features of the Dark Zone)

चंद्रमा का अंधेरा क्षेत्र भूवैज्ञानिक विशेषताओं से भरा हुआ है। विशाल मैदान “मारिया“ के रूप में जाना जाता है, जो किनारों से गहरा है, जबकि दूर की ओर बीहड़ उच्च भूमि युक्त हैं। दक्षिणी ध्रुव पर ऐटकेन बेसिन, सौर मंडल में सबसे बड़ी ज्ञात प्रभाव संरचनाओं में से एक है। चंद्रमा पर भविष्य की ऊर्जा के स्रोतों के भी मिलने की संभावना है, जिनका आर्थिक लाभ और ऊर्जा सुरक्षा के लिए दोहन किया जा सकता है।

पृथ्वी पर चंद्रमा का प्रभाव (effect of moon on earth)

पृथ्वी पर चंद्रमा के प्रभाव को समझना चंद्र अन्वेषण का एक और पेचीदा पहलू है। चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण ज्वारीय ताकतें पैदा होती हैं, जो समुद्र की धाराओं को आकार देती हैं और हमारे ग्रह की जलवायु को प्रभावित करती हैं। इसके अलावा, चंद्रमा के भूविज्ञान का अध्ययन पृथ्वी के प्रारंभिक इतिहास और हमारे स्वयं के ग्रह को आकार देने वाली प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी जुटाना है।

भविष्य की संभावनाएं और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी (Future prospects and international partnerships for lunar mission)

इसरो, नासा, ईएसए और रोस्कोस्मोस सहित कई अंतरिक्ष एजेंसियां फार साइट (Moon Dark Side) की ओर छिपे रहस्यों को और उजागर करने के लिए भविष्य के मिशन की योजना बना रही हैं। सहयोगात्मक प्रयास और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी हमारे ज्ञान को आगे बढ़ाने और और चंद्रमा पर मानव बस्ती बसाने के के लिए मार्ग प्रशस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

चंद्रयान मिशन -3 और डार्क साइट के रहस्य (Chandrayaan Mission-3 and the Secrets of the Dark Sight)

भारत के चंद्रयान मिशन -3 की एक योजना में चंद्रमा की डार्क साइट के रहस्यों को उजागर करना है। चंद्रयान – 2 मिशन में भी लैंडर और रोवर को चंद्रमा की डार्क साइट में उतारना था और वैज्ञानिक तथ्यों का संकलन करना था।

क्या चंद्रमा की डार्क साइट पर कोई एलियन बस्ती है? (Is there an alien settlement on the Dark Site of the Moon?)

रहस्यवाद पर विश्वास करने वाले लोगों का मानना है कि चंद्रमा की डार्क साइट (Moon Dark Side) पर एलियन बस्तियां हैं, वहां एडवांस सभ्यता के जीवों ने अपने बेस बना रखे हैं। साथ ही आरोप लगाया जाते दुनिया प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियां इस रहस्य को सबसे छुपाकर रखना चाहती हैं। सत्य क्या है, यह अभी अनुसंधान का विषय है, अभी तक कोई प्रमाणिक सूचना इस मामले में सार्वजनिक नहीं है।

निष्कर्ष

चंद्रमा की डार्क साइट के अनुसंधानों ने नई संभावनाओं को बल दिया है और हमारे ज्ञान की सीमाओं में इजाफा किया है। ग्राउंड ब्रेकिंग मिशनों और वैज्ञानिक खोजों के माध्यम से, हमने चंद्रमा के भूवैज्ञानिक इतिहास, पृथ्वी पर इसके प्रभाव और भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए चंद्रमा के उपयोग के बारे में उल्लेखनीय ज्ञान वृद्धि की है। मानव ब्रह्मांड के रहस्यों को अनलॉक करने के लिए अपनी खोज जारी रखेगा। आशा है कि भविष्य में चंद्रमा की डार्क साइट के रहस्यों से पर्दा उठ जाएगा।

(लेखक इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टडीज (ISOMES) में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं)

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Edited By

Sunil Sharma

First published on: Jul 13, 2023 11:52 AM

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