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साइंस

मानव रहित लड़ाकू विमान: भविष्य के युद्धों की दिशा तय करेगा भारत का ‘Rustom’

डॉ. आशीष कुमार। ‘रुस्तम-2’ भारत का आधुनिक यूएवी है, जो भविष्य के युद्धों की दिशा तय करेगा। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है। रुस्तम-2 एक मध्यम ऊंचाई वाला लॉन्ग एंड्योरेंस वाला यूएवी है, जिसे आक्रमण, निगरानी और टोही मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है। युद्धों का तरीका बदला है। […]

Author Published By : News24 हिंदी Updated: May 12, 2023 17:30
Rustom-2

डॉ. आशीष कुमार। ‘रुस्तम-2’ भारत का आधुनिक यूएवी है, जो भविष्य के युद्धों की दिशा तय करेगा। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है। रुस्तम-2 एक मध्यम ऊंचाई वाला लॉन्ग एंड्योरेंस वाला यूएवी है, जिसे आक्रमण, निगरानी और टोही मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है।

युद्धों का तरीका बदला है। मानव रहित विमान युद्धों को लड़ रहे हैं। भारत ने भी हाल के वर्षों में मानव रहित युद्धक विमानों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। रुस्तम-2 भारत का आधुनिक मानव रहित लड़ाकू विमान है।

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मौजूदा दौर में युद्धों का तरीका बदला है। मानव रहित विमान युद्धों को लड़ रहे हैं। भारत ने भी हाल के वर्षों में मानव रहित युद्धक विमानों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। रुस्तम-2 भारत का आधुनिक मानव रहित लड़ाकू विमान है। रुस्तम-2 के पंखों का फैलाव 22 मीटर है और यह अधिकतम 35 हजार फीट की ऊंचाई पर 24 घंटे तक उड़ सकता है। यह एक टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन द्वारा संचालित होता है। यह 225 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भर सकता है। रुस्तम-2 की रेंज 1000 किलोमीटर से अधिक है।

ऑटोमैटिक और मैनुअल मोड में काम कर सकता है रुस्तम-2 

रुस्तम का उपयोग विभिन्न प्रकार के मिशनों के लिए किया जा सकता है, जिसमें सीमा निगरानी, समुद्री गश्त और आतंकवाद विरोधी अभियान शामिल हैं। ड्रोन अपने ऑनबोर्ड मिसाइलों और बमों के साथ सटीक हमले करने में भी सक्षम है। रुस्तम को इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड कैमरों सहित कई प्रकार के सेंसरों से लैस किया गया है। यह ऑपरेशन ग्राउंड स्टेशनों से जुड़कर सीधे लाइव वीडियो फीड प्रसारित कर सकता है।

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रुस्तम-2 ऑटोमैटिक और मैनुअल दोनों मोड में काम कर सकता है। ऑटो पायलट मोड में, ड्रोन पूर्व निर्देशित उड़ान पथों का अनुसरण कर सकता है और बिना मानवीय सहयोग के मिशन को अंजाम दे सकता है। मैनुअल मोड में, एक पायलट ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन का उपयोग करके ड्रोन को नियंत्रित करता है।

रुस्तम-2 पर दुनिया की नजरें

भारत के शस्त्रागार में रुस्तम-2 एकमात्र यूएवी नहीं है। लेकिन, यह मानव रहित लड़ाकू विमानों के क्षेत्र में स्वदेशी सैन्य प्रौद्योगिकी विकसित करने के देश के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में भारत जरूरतमंद देशों को इसका निर्यात कर सकता है। चुनौतीपूर्ण वातावरण में काम करने और मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने की क्षमता के मामले में रुस्तम-2 पर दुनिया की नजरें हैं।

First published on: May 12, 2023 05:30 PM

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