भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया और गौरवशाली अध्याय जुड़ने जा रहा है। गगनयात्री के तौर पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अगले महीने यानी मई में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की उड़ान भरने जा रहे हैं। वह भारत के ऐसे पहले अंतरिक्षयात्री होंगे, जो निजी मिशन पर ISS की यात्रा करेंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह ऐलान करते हुए कहा कि भारत अब अंतरिक्ष मिशनों में एक नया मील का पत्थर छूने जा रहा है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बेहद खास माना जा रहा है।
अंतरिक्ष में भारत की नई छलांग
शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष यात्रा पर जाना सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि भारत के अंतरिक्ष सफर में ऐतिहासिक मोड़ है। अब तक सिर्फ कुछ ही देशों के पास यह क्षमता रही है कि वे अपने नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेज सकें। शुभांशु की उड़ान इस बात का संकेत है कि भारत अब उस लीग में शामिल हो गया है।
कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला इंडियन एयर फोर्स के ग्रुप कैप्टन हैं उन्हें नासा के एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) के लिए अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना गया है। उन्होंने रूस में ट्रेनिंग ली है और अंतरिक्ष में जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका सलेक्शन न केवल उनकी काबिलियत का इंट्रोडक्शन है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब अपने दम पर मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन की ओर बढ़ रहा है। लखनऊ में जन्मे शुभांशु की उम्र 40 साल है। उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस मिशन के लिए अपने सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना है।
🇮🇳 Indian astronaut Shubhanshu Shukla samples space food in ISRO’s special tasting session.
---विज्ञापन---He is the first Indian astronaut selected for a private mission to the ISS, participating in Axiom Mission 4 (Ax-4), scheduled for May 2025. 🚀 pic.twitter.com/m0CFKnhxUf
— Beats in Brief (@beatsinbrief) April 18, 2025
शुक्ला पिछले 8 महीनों से नासा और एक्सिओम स्पेस (निजी अंतरिक्ष कंपनी) के साथ ट्रेनिंग ले रहे हैं। इस मिशन के लिए भारत ने 60 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान किया है। मिशन को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में 4 लोग सवार होंगे। यह स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार होगा। वह अमेरिका के फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा।
मिशन की टाइमलाइन और महत्व
मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह मिशन मई 2025 में लॉन्च किया जाएगा। शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लेंगे और वहां लगभग एक हफ्ते तक रहेंगे। यह मिशन भारत की तकनीकी क्षमता, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्लोबल कोऑपरेशन की दिशा में एक अहम कदम होगा।
भारत की बढ़ती अंतरिक्ष ताकत
ISRO पहले ही चंद्रयान और आदित्य जैसे मिशनों से दुनिया को दिखा चुका है कि भारत अंतरिक्ष में कितना आगे बढ़ चुका है। अब गगनयान मिशन और अंतरिक्ष यात्री की उड़ान भारत को उन गिने-चुने देशों की कतार में लाकर खड़ा करेगा जिनके पास अंतरिक्ष में मानव भेजने की तकनीक है।