Chandrayaan-3 live Updates India’s Moon Mission: भारत के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के इस मून मिशन को लेकर दुनियाभर में कौतुहल और उत्साह का माहौल है। दरअसल, 2019 में भारत के चंद्रयान-2 मिशन में चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। इसरो ने अब चंद्रयान-3 के जरिए भारत के मून मिशन को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। खास बात यह है कि यदि आज सॉफ्ट लैंडिंग में परेशानी आती है तो इसे टाला जाएगा। फिर 27 अगस्त को दोबारा कोशिश की जाएगी।
चंद्रयान-1 में करना पड़ा बदलाव
भारत को साइंस के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में पूर्व राष्ट्रपति और दिवंगत वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम की बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में आज जब चंद्रयान इतिहास रचने जा रहा है तो उन्हें याद किया जा रहा है। खास बात यह है कि अब्दुल कलाम ने आज से करीब 14 साल पहले एक ऐसा सुझाव दिया था। जिससे चंद्रयान-1 में बदलाव करना पड़ा। भारत का पहला मून मिशन चंद्रयान-1 था। हालांकि, 29 अगस्त 2009 को अंतरिक्ष यान के साथ संचार टूट जाने पर ये मिशन समाप्त हो गया।
Chandrayaan-3 Mission:
All set to initiate the Automatic Landing Sequence (ALS).
Awaiting the arrival of Lander Module (LM) at the designated point, around 17:44 Hrs. IST.Upon receiving the ALS command, the LM activates the throttleable engines for powered descent.
The… pic.twitter.com/x59DskcKUV---विज्ञापन---— ISRO (@isro) August 23, 2023
दिया था ये सुझाव
दरअसल, जब चंद्रयान-1 को असेंबल किया जा रहा था, तब अब्दुल कलाम इसरो के ऑफिस गए थे। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, कलाम ने तब वैज्ञानिकों से पूछा था कि चंद्रयान-1 यह कैसे साबित करेगा कि वह चंद्रमा पर गया था। ऐसे कौनसे सबूत हैं जिन्हें प्रदर्शित किया जा सकेगा। जब वैज्ञानिकों ने कहा कि इसमें चंद्रमा की सतह की तस्वीरें होंगी, तो कलाम ने कहा कि यह पर्याप्त नहीं होगा। इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि चंद्रयान-1 में एक ऐसा इक्विपमेंट होना चाहिए जिसे चंद्रमा की सतह पर गिराया जा सके।
Chandrayaan-3 Mission:
The mission is on schedule.
Systems are undergoing regular checks.
Smooth sailing is continuing.The Mission Operations Complex (MOX) is buzzed with energy & excitement!
The live telecast of the landing operations at MOX/ISTRAC begins at 17:20 Hrs. IST… pic.twitter.com/Ucfg9HAvrY
— ISRO (@isro) August 22, 2023
चंद्रयान-1 के डिजाइन में किया बदलाव
पूर्व राष्ट्रपति की इस सलाह के बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-1 के डिजाइन में बदलाव किया था। चंद्रयान-1 पर लगे ‘टेरेन मैपिंग कैमरे’ से ली गई पृथ्वी की पहली तस्वीरें देखने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था- तस्वीरें देखने के बाद हम बेहद खुश हैं। इससे हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। बता दें भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3,14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM3 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया था।