एक अन्तरराष्ट्रीय शोध में खुलासा हुआ है कि बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth Control Pills) लड़कियों तथा महिलाओं में मुंहासे रोकने में कारगर हो सकती है। शोध में यह भी पाया गया कि बर्थ कंट्रोल पिल्स बदलने से उनके असर में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा बल्कि सभी लगभग समान रूप से ही काम करती हैं और मुंहासों की काफी हद तक रोकथाम कर सकती हैं।
क्यों होते हैं मुंहासे
किशोरावस्था की आयु में बच्चों में हार्मोनल चेंज होते हैं। इसका उनके पूरे शरीर पर प्रभाव पड़ता है। टीनएजर्स में मुंहासे होने का सबसे मुख्य कारण पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का बनना है। यह लड़कों में तो बनता ही है, साथ में लड़कियों में भी काफी ज्यादा हद तक बनता है। इसकी वजह से स्किन सेंसेटिव हो जाती है और चेहरे पर मुंहासे आने लगते हैं। इनसे मुक्ति पाने के लिए सभी टीनएजर्स हरसंभव प्रयास करते हैं।
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गर्भनिरोधक गोली कैसे करती है काम
वास्तव में गर्भ निरोधक दवाईयों (Birth Control Pills) में महिला हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन होते हैं। ये दोनों हार्मोन शरीर पर कई अलग-अलग प्रभाव डालते हैं हालांकि सबसे बड़ा प्रभाव तो भ्रूण बनने से रोकना है। इन दवाईयों की वजह से शरीर के रंग पर भी असर पड़ता है, साथ ही साथ मुंहासे रोकने में भी ये दवाईयां कारगर सिद्ध हुई हैं। इन पिल्स के कुछ साईड इफेक्ट्स भी होते हैं जैसे कि सिरदर्द, ब्रेस्ट कोमलता और उल्टी आना आदि। इनके अलावा पैरों में नसों का जाल सा गुच्छा बनने लगता है, हालांकि इसकी संभावनाएं बहुत कम होती हैं।
वर्तमान में मुंहासे रोकने के लिए दी जाने वाली गर्भनिरोधक दवाईयों में दी जाती हैं, उनमें एथिनिल एस्ट्राडियोल होता है, जिसे लेवोनोर्गेस्ट्रेल, नोरेथिंड्रोन, नॉरगेस्टिमेट, ड्रोसपाइरोन, साइप्रोटेरोन एसीटेट, क्लोरामेडिनोन एसीटेट, डायनोगेस्ट या डिसोगेस्ट्रेल के साथ मिलाया जाता है। अभी इस बारे में व्यापक अध्ययन किए जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार इन दवाईयों को बिना मेडिकल एडवाइस नहीं लेना चाहिए।
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कौनसी दवाईयां करती हैं ज्यादा बेहतर काम
रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अधिकांश दवाईयां मुंहासों पर कारगर तरीके से काम करती हैं। फिर भी कुछ Birth Control Pills ने दूसरी दवाओं की तुलना में ज्यादा बेहतर रिजल्ट्स दिए हैं। रिसर्च के अनुसार जिन गोलियों में साइप्रोटेरोन एसीटेट होता है, वे उन गोलियों की तुलना में मुंहासे को कुछ हद तक बेहतर ढंग से कम करने में मदद करती हैं जिनमें लेवोनोर्गेस्ट्रेल होता है। इसी तरह जिन गोलियों में क्लोरामेडिनोन एसीटेट होता है, वे लेवोनोर्जेस्ट्रेल वाली गोलियों की तुलना में अधिक प्रभावी होती हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे डॉक्टरी सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या दूर करने के लिए डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें एवं उनकी सलाह से ही दवा लें।