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कौन हैं आर्यन सिंह? AI से लैस ‘किसान रोबोट’ बना जीता प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार

Who Is Aryan Singh : आर्यन सिंह का यह एग्रीबॉट सोलर एनर्जी से चलता है। इसे कमर्शियलाइज करने के लिए आर्यन ने एक कंपनी भी बनाई है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Feb 5, 2024 20:53
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Aryan Singh With His Agribot
Aryan Singh With His Agribot

Who Is Aryan Singh : पिछले महीने भारत सरकार ने 19 बच्चों को प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस लिस्ट में एक नाम राजस्थान में कोटा के रहने वाले आर्यन सिंह का था। 18 साल के आर्यन को साइंस एंड टेक्नोलॉजी वर्ग में यह अवार्ड दिया गया था और इस कैटेगरी में वह अकेले थे। उन्हें यह अवार्ड खेती किसानी के काम में मदद करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस एक रोबोट बनाने के लिए दिया गया है।

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आर्यन का यह रोबोट खेती की जमीन का परीक्षण करने में, फसल की स्थिति का आंकलन करने में और फसल को होने वाली बीमारियों और कीटों की पहचान करने में मदद करता है। आर्यन उन 9 लड़कों और 10 लड़कियों में से एक थे जिन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 22 जनवरी को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित किया था। इस रिपोर्ट में पढ़िए आर्यन सिंह को यह रोबोट बनाने की प्रेरणा कैसे मिली।

कोटा के किसान परिवार में जन्म

कोटा के एक किसान परिवार में जन्मे आर्यन सिंह का बचपन किसानों के बीच खेती-किसानी का काम देखते हुए बीता। इस दौरान आर्यन ने देखा कि उन्हें कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। किस तरह खेती में इनोवेशन के अभाव से कई बार फसल बर्बाद हो जाती है। यह सब देख आर्यन ने इसका समाधान ढूंढने के बारे में सोचना शुरू किया। जब उसके अधिकतर दोस्त खेल रहे होते थे तब आर्यन इंटरनेट पर नई टेक्नोलॉजी सर्च कर रहा होता था।

इसे लेकर आर्यन का कहना है कि फसल को बीमारियों को बचाने, निगरानी करने और कीटों को मारने के लिए मशीनें हैं, लेकिन वह अधिकतर किसानों के लिए बहुत ज्यादा महंगी हैं। मैं कुछ ऐसा बनाना चाहता था जो सस्ता हो, कॉम्पैक्ट हो और किसानों की एक से अधिक समस्याओं का समाधान करने वाला हो। हालांकि, यह एक तरह से आर्यन के दिमाग में चल रहा विचार था, लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी ने उसे इसे लेकर और सोचने का समय दिया।

2023 में बनाया पहला प्रोटोटाइप

द बेटर इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार आर्यन ने बताया कि मैं 10वीं क्लास में था जब यह आइडिया आया था। लॉकडाउन के दौरान मैंने इसे लेकर पढ़ाई की और एक मॉडल तैयार किया। टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़ने के बाद इस फील्ड में इंटरेस्ट बढ़ा तो आर्यन ने बीटेक करने का निर्णय लिया। इस दौरान उसने सीखा कि मशीनें और एआई कैसे काम करती हैं। करीब 3 साल की रिसर्च के बाद 2023 में उसने रोबोट का पहला प्रोटोटाइप बनाने में सफलता पाई।

एक बार जब आर्यन ने यह समझ लिया कि उसे क्या करना है, फिर उसने वित्तीय मदद खोजनी शुरू की। उसने राजस्थान सरकार की स्टार्टअप्स के लिए पहल आईस्टार्ट (Istart) की मदद ली। आर्यन के अनुसार वहां उसे काम करने के लिए जगह, लैब और सहयोग मिला। इसके अलावा आर्यन ने अटल इनोवेशन मिशन के जरिए भी सरकार से संपर्क किया था। साथ ही उसे अपने कॉलेज से भी सपोर्ट मिला और प्रोफेसर्स ने भी आर्यन की इस काम में काफी मदद की।

 

Agribot

इन विशेषताओं से लैस है एग्रीबॉट

आर्यन के रोबोट की सबसे अनोखी विशेषता यह है कि यह रियल टाइम में फसल की स्थिति को एनालाइज कर सकता है। इसमें कैमरे लगे हुए हैं। इसके साथ ही इसके टॉप पर एक ड्रॉपर लगा हुआ है जो खेत में बीज बिखेरने में मदद करता है और किसानों की दिक्कतें कम करता है। इसमें ऐसे सेंसर लगे हैं जो किसानों को जमीन को एनालाइज करने में मदद करते हैं और कीटों के बारे में जानकारी देते हैं। ड्रॉपर को सिंचाई और कीटनाशक स्प्रे करने के लिए यूज कर सकते हैं।

जमीन और फसल को एनालाइज करने के लिए आर्यन ने रोबोट को एआई से लैस किया है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स का इस्तेमाल करते हुए इस रोबोट को ऐसे बनाया गया है कि इसे दूर से भी कंट्रोल किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर आप दिल्ली में हैं और कहीं दूर स्थित खेत में रोबोट का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको केवल एक एप्लिकेशन पर लॉगइन करना होगा। इसे इसी काम के लिए डेवलप किया गया है, जो इसे काफी सुविधाजनक बनाता है।

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Gaurav Pandey

First published on: Feb 05, 2024 05:35 PM

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