Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का हाल ही में लॉन्च किया गया आदित्य-एल1 भी सही तरीक से अपने मिशन की ओर आगे बढ़ रहा है। सूर्य का रहस्य खोजने के लिए आदित्य-एल1 को अब तक कोई दिक्कत नहीं आई है और यह धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर पहुंचने की कड़ी में सफलतापूर्वक आगे बढ़ता जा रहा है। यह जानकारी खुद इसरो ने सोशल मीडिया एक्स पर दी है।
मंगलवार सुबह बदलेगी आदित्य की कक्षा
इसरो द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, टेलीमेट्रो, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क के जरिये आदित्य की कक्षा बदल दी गई है, वह भी सफलतापूर्वक। इसरो के अनुसार, अब आदित्य 245 किलोमीटर गुणा 22,459 किलोमीटर की कक्षा में है। यह भी जानकारी दी गई है कि अगले 24 घंटे में यानी 5 सितंबर को सुबह 3 बजे फिर आदित्य की कक्षा बदल जाएगी।
गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर पहुंचेगा आदित्य
इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार, आदित्य आगामी 16 दिनों के दौरान पृथ्वी की विभिन्न कक्षाओं में ही रहेगा। इसके बाद मिशन की अगली कड़ी में आदित्य को विभिन्न चरणों के बाद पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर पहुंचाया जाएगा। इसके बाद ही क्रूज चरण शुरू हो पाएगा। फिर यह एल-1 के चारों ओर की कक्षा में प्रवेश करेगा।
यहां पर बता दें कि एल1 यानी लैग्रैंड प्वाइंट अंतरिक्ष में वह जगह है, जहां पर सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण समान है। इस स्थान का इस्तेमाल अंतरिक्ष यान द्वारा ईंधन की खपत को कम करने के लिए किया जाता है। आदित्य के लिए भी इसी जगह का इस्तेमाल किया जाएगा।
गौरतलब है कि आदित्य एल-1 लगातार पांच वर्ष तक रोजाना 1400 तस्वीरें भेजेगा। यह जानकारी पहले ही इसरो साझा कर चुका है। इस कड़ी में आगामी फरवरी के अंत तक ही पहली तस्वीर मिल सकेगी। इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक, सोलर अल्ट्रावायलेट इमैजिंग टेलिस्कोप फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर की तस्वीरें लेगा और इसे धरती पर भेजेगा।
(Diazepam)