Hanuman Ji: हनुमान जी ने भगवान राम की मदद के लिए जन्म लिया था. भगवान विष्णु ने राम के रूप में और भगवान शिव ने हनुमान के रूप में जन्म लिया था. हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है. उनके पास बचपन से कई दिव्य शक्तियां थी और कई वरदानी शक्तियां उन्हें बाद में मिली थीं. अपनी इन दिव्य और वरदानी शक्तियों के मदद से ही हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम के कार्य सिद्ध किये थे. लेकिन धार्मिक ग्रंथों में जिक्र मिलता है कि वह अपनी शक्तियों के बारे में भूल गए थे और समय आने पर उन्हें शक्तियों के बारे में याद दिलाया गया था.
हनुमान जी को कैसे मिली थी वरदानी शक्तियां?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी बाल्यावस्था में सूरज को फल समझकर खाने के लिए दौड़े थे. उन्हें सूरज की तरफ बढ़ता देख देवराज इंद्र ने हनुमान जी के मुख पर वज्र से प्रहार किया था. इससे उनका जबड़ा टूट गया था. हनुमान जी के ऊपर प्रहार को देखकर वायुदेव क्रोधित हुए और उन्होंने संसार की वायु को रोक दिया. हनुमान जी को ब्रह्मा जी के स्पर्श से होश आया और उन्हें देवताओं ने वरदान में कई शक्तियां दी.
हनुमान जी की वरदानी शक्तियां
उन्हें कुबेर देव ने गदा भेंट की थी इसके अलावा ब्रह्मा जी से युद्ध में कभी ना हार मानने का वरदान मिला. उन्होंने किसी भी अस्त्र से न मरने का वरदान दिया. उन्हें कई वरदान मिले. बाद में हनुमान जी को माता सीता ने अजर-अमर रहने और आठ सिद्धियों का वरदान दिया था. बजरंगबली को अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राकाम्य, प्राप्ति, ईशित्व और वशित्व इन अष्ट सिद्धियों का वरदान मिला था.
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हनुमान जी किस श्राप के कारण भूल गए थे शक्तियां?
बचपन में हनुमान जी बहुत ही शरारती थे वह ऋषियों के बागीचे में जाकर फल खाते और बगीचा उजाड़ देते है. इससे सभी परेशान हो गए थे. ऋषियों ने हनुमान जी को समझाया और उनके पिता पवन देव से शिकायत की. लेकिन हनुमान जी की शरारत कम नहीं हुई. इसके बाद अंगिरा और भृगुवंश के ऋषियों ने नाराज होकर उन्हें श्राप दिया की हनुमान जी अपनी शक्तियां भूल जाएंगे लेकिन सही समय आने पर याद दिलाने पर शक्तियां याद आ जाएंगी.
किसने याद दिलाई थी हनुमान जी को शक्तियां?
माता सीता की खोज के लिए जब समुद्र पार कर लंका जाने का प्रश्न उठा तब हनुमान जी ने इस बात पर असमर्थता जताई वह अपनी दिव्य और वरदानी शक्तियों के बारे में भूल गए थे. हनुमान जी को जामवंतजी ने शक्तियां याद दिलाई इसके बाद हनुमान जी लंका पार गए और अपनी दिव्य शक्तियों से कई बड़े काम किये.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










