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Papmochani Ekadashi 2025: मार्च में कब है पापमोचनी एकादशी? जानें व्रत की सही तारीख, महत्व, पारण का समय और पूजा विधि

Papmochani Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को समर्पित पापमोचनी एकादशी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल मार्च महीने में पड़ रही है। पापमोचनी एकादशी मार्च में कब है, एकादशी व्रत की सही डेट, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Feb 26, 2025 20:50
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Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी हिंदू धर्म का एक बेहद महत्वपूर्ण व्रत है, जो हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसलिए इसे पापमोचनी यानी पापों को मुक्त करने वाली एकादशी कहा गया है। यह व्रत मार्च 2025 में पड़ रही है। आइए जानते हैं, सभी को हर पाप से मुक्त करने वाली पापमोचनी एकादशी व्रत की सही डेट, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है?

पापमोचनी एकादशी का महत्व

पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति के बारे में धर्म ग्रंथ कहते हैं कि उस व्यक्ति के पूर्व जन्म सहित इस जन्म के भी सभी पापों का नाश होता है। उसके सभी प्रकार के ऋण भी धीरे-धीर समाप्त हो जाते हैं। इस जन्म के बाद उसपर कुछ बकाया नहीं रहता है और इसलिए उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस एकादशी की कथा और महत्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने महाराज युधिष्ठिर को और ब्रह्मा जी ने देवर्षि नारद से सुनाया था। मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी व्रत को रखने भगवान विष्णु का आशीर्वीद प्राप्त होता है, जिससे जीवन सहज और सौभाग्य से भर जाता है।

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इस तारीख है पापमोचनी एकादशी

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि 25 मार्च, 2025 को सुबह के 5 बजकर 5 मिनट शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 26 मार्च को ब्रह्म मुहूर्त से ठीक पहले 3 बजकर 45 मिनट पर होने वाला है. चूंकि व्रत-त्योहार में पूजा और व्रत के लिए उदयातिथि के नियम का पालन होता है, इसलिए पापमोचनी एकादशी का व्रत 25 मार्च, 2025 को रखा जाएगा.

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पापमोचनी एकादशी के पारण का मुहूर्त

एकादशी के व्रत का समापन उसके पारण से होता है, जिसे नियत समय और मुहूर्त में करने से ही एकादशी का व्रत पूजा होता है। पंचांग के अनुसार, इस बार पापमोचनी एकादशी का पारण समय यानी व्रत तोड़ने का समय 26 मार्च, 2025 को दिन में 01:41 PM से 04:8 PM के बीच में है। वहीं जहां तक पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने के समय की बात है, यह 09:14 AM है।

पापमोचनी एकादशी पूजा विधि

  • सबसे पहले गणेश मंत्र का जाप करते हुए लकड़ी की एक चौकी पर लाल या पीला आसन बिछाएं और उसपर गंगाजल जल छिड़क दें।
  • इसके बाद उसपर भगवान विष्णु की मूर्ति या शालिग्राम जी या सत्यनारायण देवता की फोटो को स्थापित करें।
  • फिर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र जपते हुए भगवान विष्णु को शुद्ध जल या गंगाजल, दूध-दही, पंचामृत आदि से स्नान करवाएं।
  • स्नान करवाकर भगवान को को पीला वस्त्र चढ़ाएं।
  • अब मौली, चंदन, अक्षत, अबीर-गुलाल, फूल, माला, जनेऊ और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।
  • अब सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करें।
  • इसके बाद पकवान या मिठाई का भोग लगाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करें।
  • इस भोग में तुलसी पत्र जरूर अर्पित करें, अन्यथा पूजा अधूरी रह जाएगी।
  • अब पूजा के अंत में उनकी आरती करें, सहृदय बंधु-बांधव सहित प्रणाम करें और सभी लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Feb 26, 2025 08:50 PM

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