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Vidura Niti: समय रहते कर दें ऐसे स्वभाव की पत्नी का त्याग, बनती है सुख देने के बजाय हमेशा कष्ट का कारण

Vidura Niti: पत्नी से तंग आकर मौत को गले लगा लेने वाले TCS के मैनेजर मानव शर्मा की आत्महत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। ऐसी घटनाएं न हों, इसे लेकर हजारों साल पहले महात्मा विदुर ने विदुर नीति में लिखा है कि समय रहते ऐसे स्वभाव की पत्नी का त्याग कर देना चाहिए।

Author Edited By : Shyamnandan Updated: Mar 2, 2025 14:44
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Vidura Niti: TCS के मैनेजर मानव शर्मा की आत्महत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। मानव शर्मा ने अपनी मौत से पहले वीडियो में जो बयान दिया है, उससे पता चलता है कि उन्होंने पत्नी से तंग आकर मौत को गले लगा लिया। मानव शर्मा की आत्महत्या को जायज करार नहीं दे सकते हैं, लेकिन इससे यह बात जरूर सामने आती है, जिस वजह से वे पत्नी से पीड़ित थे, वह कोई एक-हफ्ते की बात नहीं थी। इस समस्या की बुनियाद काफी दिनों पहले से पड़ चुकी थी।

कहीं जिंदगी जहर न बन जाए

आपको बता दें कि पति-पत्नी के संबंधों को लेकर आज से हजारों सालों पहले महाभारत काल में महात्मा विदुर ने एक बड़ा नायाब समाधान दे दिया था कि जब पत्नी से नहीं पट पा रहा हो, पत्नी के स्वभाव के कारण उपजी समस्या जब पति संभाल पाने में सक्षम नहीं हो पा रहा है, तो ऐसे रिश्तों में दूरी बना लेनी चाहिए, वो भी वक्त रहते ताकि रिश्तों में आई कड़वाहट से जिंदगी जहर न बन जाए।

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इन 3 को समय रहते कर दें त्याग

हमारे जीवन में कुछ रिश्ते कभी-कभी ऐसे हो जाते हैं, जो हमें सुख देने के बजाय दुख देने लगते हैं। इसे लेकर विदुर नीति कहती है कि ऐसे लोगों से जितना जल्दी हो सके, दूर हो जाना ही बेहतर होता है, नहीं यह जान की आफत बन सकती है। आइए जानते हैं किन लोगों से दूरी बनाना लिए लाभदायक रहेगा।

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शक्की और झगड़ालू पत्नी

अगर पत्नी हमेशा शक करती है, छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करती है और घर में अशांति का माहौल बना देती है, तो उससे अलग हो जाना ही अच्छा होता है। विदुर नीति कहती है कि ऐसी पत्नी जीवन में सुख नहीं बल्कि सिर्फ तनाव और क्लेश ही लाती है। इसलिए समय रहते सही निर्णय लेना जरूरी होता है।

खराब चरित्र वाला गुरु

गुरु वह होता है जो सही राह दिखाता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति बिना शिक्षा और ज्ञान के गुरु बना बैठा है, नशे की लत में डूबा रहता है और अपशब्द बोलता है, तो वह गुरु के नाम पर कलंक है। विदुर नीति कहती है कि ऐसे गुरु से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए, क्योंकि वह आपको सफलता के बजाय पतन की ओर धकेल देगा।

दुष्ट और स्वार्थी भाई

आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे भाई-बंधु जो न तो आपको स्नेह देते हैं और न ही आपका सम्मान करते हैं, वे व्यर्थ हैं। संकट के समय ऐसे लोग मुंह मोड़ लेते हैं और आपकी सहायता करने के बजाय आपको अकेला छोड़ देते हैं। इसलिए ऐसे रिश्तों को खत्म कर देना ही बुद्धिमानी है।

विदुर नीति और चाणक्य दोनों ही हमें सिखाते हैं कि जीवन में ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो आपके मन की शांति और सफलता में बाधा डालते हैं। सही निर्णय लेकर अपने जीवन को सुखद और सफल बनाएं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Mar 02, 2025 02:44 PM

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