Vidur Niti:महात्मा विदुर बेहद ज्ञानी और विद्वान थे। वे महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। उनकी बुद्धिमत्ता के कारण ही उनको हस्तिनापुर राज्य का मंत्री बनाया गया है। पांडु और धृतराष्ट की तरह वे भी वेदव्यास के पुत्र थे, लेकिन उनकी मां दासी थीं। इस कारण वे कभी भी राजगद्दी पर नहीं बैठ सके।
विदुर ने कुछ ऐसी नीतियां बताई हैं, जिनको अपनाकर कोई व्यक्ति अपने जीवन को संवार सकता है। उनकी नीतियों को जो भी व्यक्ति अपनी जीवन में उतारता है, वह न केवल सुखी और समृद्ध रहता है, बल्कि उसे माता लक्ष्मी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं कि वे कौन सी नीतियां हैं, जो व्यक्ति को सफल बनाती हैं।
त्याग की भावना है श्रेष्ठ
त्याग करने की भावना किसी भी मनुष्य को श्रेष्ठ बनाती है। जब अंदर त्याग की भावना आती है तो व्यक्ति महापुरुष बन जाता है। संत हो या महात्मा सभी त्याग के कारण ही महान बनते हैं। यहां तक कि भगवान श्रीराम ने अपने पिता राजा दशरथ के वचन का पालन करते हुए अयोध्या का राज सिंहासन त्याग दिया था।
लालच और स्वार्थ से रहें दूर
विदुर नीति के अनुसार मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु लालच और स्वार्थ हैं। ऐसा व्यक्ति कभी भी किसी की नजरों में अच्छा नहीं बन सकता है, जो लालची और स्वार्थी हो। ऐसा व्यक्ति शीघ्र सफलता भले ही पा ले, लेकिन ज्यादा दिन तक उस सफलता पर टिका नहीं रह पाता है। महात्मा विदुर की नीतियों के अनुसार लालच और स्वार्थ त्यागकर व्यक्ति श्रेष्ठ हो जाता है।
क्रोध न करें
क्रोध विवेकहीन बनाता है। हिंसा का जन्म भी क्रोध के कारण ही होता है। क्रोधी व्यक्ति हमेशा किसी न किसी से लड़ता और झगड़ता रहता है। ऐसे में उसकी छवि नकारात्मक हो जाती है। कई बार क्रोध में आकर व्यक्ति ऐसे काम कर देता है, जिसका पछतावा उसको जीवनभर रहता है। इस कारण क्रोध कभी नहीं करना चाहिए।
वाणी पर रखें संयम
हमारी वाणी ही हमें सम्मान और अपमान दिलाती है। इस कारण हमेशा अपनी वाणी पर संयम रखें। कभी भी ऐसा कुछ भी नहीं बोलें, जिसका खराब परिणाम आपको भुगतना पड़े। कहा जाता है कि बाण और मुंह से निकली बात कभी भी वापस नहीं आते हैं। इस कारण हमेशा सोच-समझकर ही बोलना चाहिए।
नहीं करें अहंकार
अंहकार किसी भी व्यक्ति के पतन का कारण बन सकता है। रावण से लेकर दुर्योधन तक सभी अहंकार के कारण ही मृत्यु को प्राप्त हुए। इस कारण अहंकार कभी भी नहीं करना चाहिए। विदुर नीति के अनुसार सफलता पाने के लिए अंहकार छोड़ देना चाहिए।
समय का करें सही उपयोग
जो समय की कद्र नहीं करता है, समय उसकी कद्र नहीं करता है। इस कारण जो भी व्यक्ति समय की कीमत नहीं समझता है, उसे जीवन में पछताना ही पड़ता है। चाहे निर्णय हो या फिर कोई काम सही समय पर ही अच्छा रहता है।
गलत संगति से बचकर रहें
गलत संगति में पड़कर आप कभी भी सफल नहीं हो सकते हैं। संगति आपको हमेशा बर्बादी की ओर ही ले जाती है। इस कारण हमेशा अच्छे लोगों की संगति में ही रहें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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