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Varuthini Ekadashi 2025: इस कथा को पढ़ने से मिलता है सुंदर शरीर, हर बीमारी और पाप का हो जाता है अंत!

Varuthini Ekadashi 2025: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 24 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन ही वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने और कथा को पढ़ने से सुंदर शरीर की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि इस एकादशी की कथा क्या है?

Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Apr 23, 2025 11:27
Vishnu Ji

Varuthini Ekadashi 2025: हर साल में 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं। साल 2025 में यह 24 अप्रैल 2025 को पड़ रही है। इस दिन व्रत करने व कथा सुनने और पढ़ने से सुंदर शरीर के साथ ही पापों का अंत होता है।

शास्त्रों के अनुसार एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि हे भगवन् आपने चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की कामदा एकादशी के बारे में विस्तार से बताया है, कृपया वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी क्या नाम है और उसके महात्म्य की क्या कथा है?

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भगवान श्रीकृष्ण ने सुनाई कथा

भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि हे राजेश्वर! वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी सौभाग्य प्रदान करने वाली और सभी प्रकार के पापों को नष्ट करने वाली मानी जाती है। इस एकादशी का व्रत मोक्ष प्रदान करता है।

भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर मान्धाता नाम एक राजा का राज्य था। वह अत्यंत ही दानवीर और तपस्वी थे। एक दिन राजा जंगल में तपस्या कर रहे थे कि तभी एक जंगली भालू वहां आ गया और राजा का पैर चबाने लगा। राजा ने अपनी तपस्या भंग नहीं और वे उसी में लीन रहे। पैर को खाते हुए भालू राजा को घसीटकर जंगल में ले गया।

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जब राजा ने अपना ध्यान तपस्या से हटाया तो उन्होंने देखा कि वे जंगल में हैं और उनका एक पैर नहीं है। इस पर उन्होंने हिंसा या क्रोध न करते हुए भगवान विष्णु से प्रार्थना की और प्रभु को करुण भाव से पुकारा। राजा की पुकार सुनकर भगवान विष्णु वहां प्रकट हो गए और अपने चक्र से उस भालू का वध कर राजा की रक्षा की।

वापस मिला सुंदर शरीर

राजा का पैर भालू पहले ही खा चुका था। इस पर राजा शोक करने लगे। उनको दुखी देखकर भगवान विष्णु ने कहा कि हे वत्स तुम शोक न करो। तुम मथुरा जाओ और वरुथिनी एकादशी पर व्रत करो और मेरी वराह अवतार मूर्ति का पूजन करो। भालू ने जो तुमको पीड़ा पहुंचाई है ये तुम्हारे पूर्व जन्म के कर्मों का फल है, लेकिन वरुथिनी एकादशी के व्रत को करने से तुम हर पाप से मुक्त हो जाओगे। राजा ने भगवान विष्णु के कहने अनुसार ही सारे काम किए, जिससे राजा को वापस सुंदर शरीर मिला और इसी व्रत के प्रभाव से राजा मन्धाता को मोक्ष मिला।

भय करता है दूर

इस प्रकार जो भी वरुथिनी एकादशी के व्रत को करता है और इसकी कथा को पढ़ता या सुनता है, उसके सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Mohit Tiwari

First published on: Apr 23, 2025 11:26 AM

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