Sawan 2025: सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। यह महीना भक्ति, तपस्या और आध्यात्मिक उन्नति का समय होता है, जिसमें शिव भक्त व्रत, पूजा और अनुष्ठानों के माध्यम से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। सावन 2025 में 11 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 9 जुलाई तक रहेगा। इस दौरान कुछ कार्यों से बचना चाहिए ताकि भक्ति का पूर्ण फल प्राप्त हो और भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहे। आइए जानते हैं कि सावन में किन कामों को करने से बचना चाहिए।
तामसिक भोजन और मांसाहार से बचें
सावन का महीना सात्विकता और शुद्धता का प्रतीक है। इस दौरान तामसिक भोजन, जैसे मांस, मछली, अंडा, और शराब का सेवन करना पूरी तरह वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव सात्विक भोजन को पसंद करते हैं। मांसाहार और तामसिक भोजन मन को अशांत और नकारात्मकता की ओर ले जाता है, जो भक्ति और ध्यान में बाधा डाल सकता है। इसके अलावा, लहसुन, प्याज, और मसालेदार भोजन से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये तामसिक प्रवृत्ति को बढ़ाते हैं। दूसरा एक कारण यह भी है कि भगवान शिव को प्रकृति से काफी प्रेम है। सावन का महीना प्रकृति के रीप्रोडक्शन का समय होता है। इस कारण भी हमें
क्रोध और नकारात्मक विचारों से दूर रहें
सावन में भगवान शिव की पूजा मन की शांति और सकारात्मकता के साथ करनी चाहिए। इस महीने में क्रोध, ईर्ष्या, और नकारात्मक विचारों से बचना अत्यंत आवश्यक है। धार्मिक दृष्टिकोण से, क्रोध और नकारात्मकता मन को अशांत करते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में बाधा बनते हैं। शिव पुराण में भगवान शिव को शांत और करुणामयी स्वरूप के रूप में वर्णित किया गया है, इसलिए भक्तों को भी इस दौरान शांत और सौम्य व्यवहार अपनाना चाहिए। इसके लिए ध्यान, योग और शिव मंत्रों का जाप करना लाभकारी हो सकता है।
अनावश्यक यात्रा और व्यस्तता से बचें
सावन का महीना आध्यात्मिक साधना और भक्ति के लिए समर्पित होता है। इस दौरान अनावश्यक यात्राओं और सांसारिक व्यस्तताओं से बचना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में शिव भक्तों को अपने समय का अधिकांश हिस्सा पूजा, व्रत और भक्ति में लगाना चाहिए। अनावश्यक यात्राएं और सांसारिक कार्य मन को भटका सकते हैं और भक्ति में कमी ला सकते हैं। हालांकि, यदि शिव मंदिरों या तीर्थ स्थलों की यात्रा की जाए तो यह शुभ माना जाता है। अन्य सांसारिक यात्राओं को यथासंभव टालना चाहिए।
बाल और नाखून काटने से करें परहेज
हिंदू धर्म में सावन के महीने में बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है। यह मान्यता है कि इस पवित्र महीने में नाखून, बाल, दाढ़ी नहीं कटवाने चाहिए। माना जाता है कि इस महीने में इन कामों को आध्यात्मिक शुद्धता भंग हो जाती है। हालांकि जो लोग गृहस्थ हैं या ऐसी जॉब में हैं, जहां शेव आवश्यक है तो वे शेविंग कर सकते हैं। वहीं, अगर आप सन्यांसी हैं या फिर गृहस्थ का त्याग कर चुके हैं तो आपको इस महीने में बाल, नाखून आदि काटने या कटवाने से बचना चाहिए।
शिवलिंग पर न अर्पित के ये सामग्रियां
सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक और पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन कुछ सामग्रियों को शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर तुलसी, हल्दी, कुमकुम और शंख से जल चढ़ाना नहीं चाहिए। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और हल्दी व कुमकुम का उपयोग वैवाहिक सुख से संबंधित पूजा में किया जाता है, इसलिए इन्हें शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता। इसके बजाय, शिवलिंग पर बिल्वपत्र, दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल चढ़ाना शुभ माना जाता है। इन नियमों का पालन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
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