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Study Vastu Tips: पढ़ाई में नहीं लगता मन? जानें असरदार वास्तु उपाय, बढ़ेगी एकाग्रता और याददाश्त

Study Vastu Tips: एकाग्रता और याददाश्त, ये 2 बातें हर स्टूडेंट की सफलता की नींव बन होती हैं. आइए जानते हैं, कुछ ऐसे प्रभावी वास्तु उपाय, जो बच्चों की एकाग्रता और मेमोरी पावर बढ़ाकर उनकी पढ़ाई और सफलता में चमत्कारिक बदलाव ला सकते हैं.

Author Written By: Shyamnandan Author Published By : Shyamnandan Updated: Nov 11, 2025 17:09
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Study Vastu Tips: पढ़ाई में ध्यान न लगना या बार-बार मन भटकना आज के छात्रों की बड़ी समस्या बन गई है. कई बार मेहनत तो खूब होती है, लेकिन रिजल्ट उम्मीद के अनुरूप नहीं मिलते. वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि अध्ययन कक्ष की दिशा, रंग, रोशनी और माहौल सही हो तो एकाग्रता और स्मरण शक्ति दोनों में सुधार होता है. आइए जानते हैं कुछ असरदार वास्तु टिप्स जो बच्चे की पढ़ाई में बड़ा फर्क ला सकते हैं.

स्टडी रूम की दिशा रखें सही

वास्तु शास्त्र में दिशा का विशेष महत्व होता है. छात्रों का स्टडी रूम उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए. इन दिशाओं में पढ़ाई करने से दिमाग शांत रहता है और सीखने की क्षमता बढ़ती है. कभी भी दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके पढ़ाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ये दिशाएं एकाग्रता में बाधा उत्पन्न करती हैं.

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बीम या पिलर के नीचे न पढ़ें

अगर आपका स्टडी टेबल बीम या पिलर के नीचे है, तो तुरंत उसकी जगह बदल दें. यह स्थान मानसिक दबाव बढ़ाता है और ध्यान को विचलित करता है. हमेशा खुले और शांत वातावरण में पढ़ाई करें.

स्टडी टेबल पर रखें शुभ वस्तुएं

पढ़ाई की मेज पर ग्लोब या पिरामिड रखना शुभ माना जाता है. इससे दिमाग में स्थिरता आती है और ऊर्जा सकारात्मक बनी रहती है. साथ ही, मोरपंख भी बहुत लाभदायक होता है. यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर बुद्धि और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है.

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स्टडी रूम में न रखें मनोरंजन की चीजें

टीवी, वीडियो गेम, म्यूज़िक सिस्टम या मोबाइल जैसी वस्तुएं स्टडी रूम से दूर रखें. ये चीजें ध्यान भटकाने का बड़ा कारण बनती हैं. कमरे को हमेशा साफ-सुथरा रखें ताकि मन एकाग्र बना रहे.

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ऐसा होना चाहिए स्टडी चेयर

वास्तु के अनुसार, स्टडी चेयर का बैक सपोर्ट सिर से ऊंचा होना चाहिए. इससे आत्मविश्वास और स्थिरता बढ़ती है. कुर्सी ऐसी हो जो आरामदायक होने के साथ-साथ रीढ़ सीधी रखे. बच्चे को कभी बिस्तर पर या झुककर पढ़ने की आदत न डालें, इससे आलस्य बढ़ता है.

किताबों का सही प्रबंधन

स्टडी टेबल पर किताबों का ढेर न लगाएं. ऐसा करने से मन बोझिल होता है और एकाग्रता कम होती है. केवल वही किताबें रखें जिनका उपयोग उस समय पढ़ाई के लिए कर रहे हों. बाकी किताबें व्यवस्थित ढंग से रैक में रखें.

स्टडी रूम का रंग

कमरे की दीवारों का रंग मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता है. स्टडी रूम में हल्के रंग जैसे क्रीम, हल्का नीला, हरा या पीला प्रयोग करना चाहिए. ये रंग मन को शांत रखते हैं और याददाश्त बढ़ाते हैं. गहरे और चटकीले रंगों से बचें, क्योंकि वे ध्यान भटकाते हैं.

स्टडी रूम में रोशनी का महत्व

पढ़ाई के कमरे में प्राकृतिक रोशनी का स्रोत जरूर होना चाहिए. सुबह की धूप मानसिक ऊर्जा को बढ़ाती है. कृत्रिम लाइट में पढ़ते समय ध्यान रखें कि रोशनी बाईं ओर से आए ताकि आँखों पर ज़ोर न पड़े. मंद या तेज रोशनी दोनों ही ध्यान में बाधा डालती हैं.

पढ़ने का सर्वोत्तम समय

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पढ़ाई का सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से पहले का होता है. इस समय वातावरण शांत और ऊर्जावान होता है. सुबह पढ़ी गई बातें लंबे समय तक याद रहती हैं और दिमाग जल्दी ग्रहण करता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 11, 2025 05:09 PM

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