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Religion

शाकाहारी ‘बाबिया’ मगरमच्छ करता है केरल के इस मंदिर की रक्षा, कभी नहीं किया भक्तों पर हमला

Sri Anantha Padmanabha Swamy Temple, Kerala: मगरमच्छ को एक खूंखार और मांसाहारी जानवर माना जाता है, जिसे देखकर लोग अक्सर डर जाते हैं. लेकिन केरल में एक ऐसा मंदिर मौजूद है, जिसकी झील में एक शाकाहारी और अहिंसक मगरमच्छ सुबह-शाम घूमता है. आज हम आपको अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर और उसकी झील में मौजूद बाबिया मगरमच्छ से जुड़ी दिलचस्प बातों के बारे में बताने जा रहे हैं.

Author Written By: Nidhi Jain Updated: Dec 21, 2025 12:25
Sri Anantha Padmanabha Swamy Temple Kerala
Credit- Social Media

Sri Anantha Padmanabha Swamy Temple, Kerala and Babiya Crocodile Story In Hindi: देश ही नहीं विदेश में भी कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनका रहस्य जान लोग हैरान हो जाते हैं. कई तीर्थस्थल तो ऐसे हैं, जिनसे जुड़ी कहानियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. ऐसा ही एक मंदिर केरल में स्थित है. केरल के कासरगोड में श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी नामक मंदिर स्थित है. मंदिर के अंदर एक झील है, जहां पर शाकाहारी ‘बाबिया’ मगरमच्छ रहता है. हालांकि, ये मगरमच्छ मादा है या नहीं इसे लेकर हमेशा कन्फ्यूजन रहता है.

आज हम आपको अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर और बाबिया मगरमच्छ से जुड़ी अनसुनी कथाओं के बारे में विस्तार से बताएंगे.

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भक्त मगरमच्छ को अपने हाथों से खिलाते हैं प्रसाद

मगरमच्छ को आक्रामक प्रवृत्ति का माना जाता है, लेकिन अनंतपद्मनाभ मंदिर की झील में मौजूद ‘बाबिया’ मगरमच्छ ऐसा नहीं है. कहा जाता है कि अब तक एक बार भी इस मगरमच्छ ने किसी व्यक्ति पर हमला नहीं किया है, बल्कि भक्त बाबिया मगरमच्छ को अपने हाथ से चावल और गुड़ का प्रसाद रोजाना खिलाते हैं.

मान्यता- मंदिर का रक्षक है ‘बाबिया’ मगरमच्छ

पौराणिक कथाओं के अनुसार, साल 1945 में एक ब्रिटिश सैनिक ने अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर की झील में एक मगरमच्छ को गोली मार दी थी, जिसके कुछ दिन बाद एक नया मगरमच्छ झील में अपने आप प्रकट हो गया. मंदिर के पुजारी और भक्तों ने मिलकर उस मगरमच्छ का नाम ‘बाबिया’ रखा. भक्तों का मानना है कि ‘बाबिया’ मगरमच्छ अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर का रक्षक है, जो सुबह-शाम मंदिर की रक्षा करता था.

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अपने आप प्रकट हो जाता है मगरमच्छ

बता दें कि साल 2022 में अक्टूबर महीने में 75 वर्ष की आयु में ‘बाबिया’ मगरमच्छ का निधन हो गया था. बाबिया को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, जिसमें कई बड़े राजनेता भी शामिल हुए थे. हालांकि, बाबिया के निधन के एक साल बाद वर्ष 2023 में मंदिर की झील में एक नया मगरमच्छ अपने आप प्रकट हो गया, जिसका नाम भी ‘बाबिया’ रखा गया.

ये ‘बाबिया’ मगरमच्छ कहां से आया, उसके बारे में किसी को नहीं पता है. भक्तों का मानना है कि जब भी अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर की झील में एक मगरमच्छ मरता है तो उसके कुछ समय बाद दूसरा मगरमच्छ झील में खुद-ब-खुद आ जाता है.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Dec 21, 2025 12:22 PM

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