Saubhagya Sundari Teej 2025: अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लि सौभाग्य सुंदरी व्रत रखना बेहद शुभ होता है. यह व्रत वैवाहित स्त्रियों के लिए बहुत ही खास होता है. सौभाग्य सुंदरी व्रत मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. यह व्रत 8 नवंबर 2025 को है. सौभाग्य सुंदरी व्रत पर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का महत्व होता है. आइये आपको सौभाग्य सुंदरी व्रत के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व के बारे में बताते हैं.
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत शुभ मुहूर्त (Saubhagya Sundari Teej Subha Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह में 04:53 से 05:46
प्रातः सन्ध्या- सुबह में 05:20 से 06:38
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:43 से दोपहर 12:26
विजय मुहूर्त- दोपहर में 01:53 से 02:37
गोधूलि मुहूर्त- शाम में 05:31 से 05:57
सायाह्न सन्ध्या- शाम में 05:31 से 06:50
अमृत काल- दोपहर में 02:09 से 03:35
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत पूजा विधि (Saubhagya Sundari Teej Puja Vidhi)
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत पर महिलाएं जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें. लाल, हरे या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें. पूजा स्थल की सफाई कर चौकी पर भगवान शिव और मां पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें. धूप-दीप अर्पित करें और मां पार्वती और शिव जी की आरती करें. इसके बाद भोग लगाकर प्रसाद वितरीत करें.
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत कथा (Saubhagya Sundari Teej Vrat Katha)
मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप और व्रत किये थे. उनकी तपस्या को देखकर भगवान शिव ने पार्वती माता को अपनाया और उन्हें अपने साथ रहने के वरदान दिया. सौभाग्य सुंदरी का व्रत करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत का महत्व (Saubhagya Sundari Teej Mahatva)
माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप और कई व्रत किये थे. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसी कथा की याद में सौभाग्य सुंदरी व्रत रखा जाता है. इस दिन व्रत करने से दांपत्य जीवन में प्रेम, सुख और समृद्धि आती है.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










