Ram Navami 2025: भगवान श्रीरामचंद्र का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इस कारण भगवान श्रीराम का जन्मदिन नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि को रामनवमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान राम का पूजन बेहद फलदायी होता है। भगवान राम स्वयं श्रीहरिविष्णु के अवतार हैं। श्रीराम की उपासना भक्त को सद्बुद्धि प्रदान करती है। इस दिन माता दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री का भी पूजन किया जाता है।
ज्योतिष के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म पुष्य नक्षत्र में हुआ था। पुष्य नक्षत्र को सभी 27 नक्षत्रों का राजा माना जाता है। इसमें जन्म लेने वाला व्यक्ति पराक्रमी, विद्वान, अतीव, धर्मावलम्बी होता है। रामनवमी पर भगवान राम का पूजन आप कुछ खास मुहूर्त में कर सकते हैं।
कब है रामनवमी 2025?
साल 2025 में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 5 अप्रैल की शाम 7 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी और यह 6 अप्रैल की शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार रामनवमी का पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा।
रामनवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त
रामनवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल की सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 24 तक का समय भगवान श्रीराम के जन्म पर अभिषेक करने के लिए शुभ है।
इस प्रकार करें पूजन
रामनवमी के दिन सुबह जल्दी सोकर उठें। पूजा स्थान को साथ करें। पूजन की थाली में फूल, चंदन, चावल, तुलसी के पत्ते, मिठाई, धूप, दीप और नैवेद्य आदि रख लें। इसके बाद भगवान श्रीराम की मूर्ति या राम-सीता और लक्ष्मण व हनुमान के साथ तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद प्रभु को कुमकुम, चंदन, चावल का तिलक करें। फूल, फल और मिठाई अर्पित करें। उनको भोग लगाएं और भगवान राम के मंत्र ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का 108 बार जाप करें। इसके साथ ही ‘ॐ श्री रामाय नमः’ का भी जाप कर सकते हैं। इसके साथ ही रामरक्षास्त्रोत और रामचरितमानस या रामायण का पाठ करें।
मूर्ति का करें अभिषेक
अगर आपके पास भगवान राम की मूर्ति है तो उनके जन्म के समय मतलब दोपहर 12 बजे उनका अभिषेक करें। अभिषेक के लिए शुद्धजल, गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, गुलाबजल, पंचामृत और केसर मिला दूध साथ में रखे।
सबसे पहले भगवान राम की मूर्ति को जल से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें दूध, घी, शहद, चीनी, दही और पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद गंगाजल से स्नान कराएं, फिर तौलिया या साफ कपड़े से मूर्ति पोछकर स्थापित करें और पूजन करें।
भोग में अर्पित करें ये सामान
भगवान राम को फलों में केला, सेब ,नारियल, गुड़-चना, पंचामृत, हलवा या खीर आदि का प्रसाद अर्पित करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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